24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। चिकित्सा सेवाओं से जुड़ी सामाजिक संवेदना और सेवा की नई मिसाल के तौर पर कोटा में जे.के. लोन अस्पताल परिसर में आज ‘रामाश्रय भवन’ की नींव रखी गई है। यह भवन उन तीमारदारों के लिए आश्रय स्थल बनेगा, जो मरीजों के इलाज के दौरान खुले में रातें बिताने को मजबूर रहते हैं। अब इसी तर्ज पर उदयपुर के एमबी अस्पताल परिसर में भी ऐसा भवन बनवाने की जरूरत और संभावना प्रबल दिखाई दे रही है।
कोटा का मॉडल उदयपुर के लिए भी प्रेरक
लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने कोटा में जिस भावना से ‘रामाश्रय भवन’ की परिकल्पना की, वही सोच उदयपुर जैसे चिकित्सा केंद्र में भी साकार हो सकती है। एमबी अस्पताल में प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं और उनके साथ बड़ी संख्या में तीमारदार भी रहते हैं, जिन्हें रात गुजारने के लिए कोई सुरक्षित व व्यवस्थित व्यवस्था नहीं होती। ऐसे में कोटा मॉडल को उदयपुर में भी अपनाया जाना चाहिए।
सेवा, संवेदना और समाज के प्रति समर्पण का उदाहरण
कोटा में 6.50 करोड़ की लागत से बनने वाला यह तीन मंजिला भवन आधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा। जिसमें 342 बेड, महिलाओं के लिए अलग डॉर्मिट्री, सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम, निःशुल्क भोजन व्यवस्था, भव्य किचन व डाइनिंग हॉल, और प्रत्येक बेड के पास व्यक्तिगत लॉकर की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यदि यही व्यवस्था एमबी अस्पताल परिसर में भी विकसित की जाती है तो यहां भी खुले में रात गुजार रहे तीमारदारों को राहत मिलेगी और अस्पताल की सेवा व्यवस्था और बेहतर होगी।
उदयपुर में पहल की दरकार
चिकित्सा विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों का मानना है कि उदयपुर के एमबी अस्पताल में भी इस तरह के भवन की आवश्यकता वर्षों से महसूस की जा रही है। यदि जनप्रतिनिधि, नगर निगम, सामाजिक संस्थाएं और प्रशासन इस पर गंभीरता से विचार करें तो यहां भी सेवा और संवेदना की यह पहल सफल हो सकती है।
जरूरतमंदों के लिए उम्मीद और आत्मविश्वास का प्रतीक
कोटा में श्री ओम बिरला द्वारा दी गई इस पहल को ऊर्जा मंत्री श्री हीरालाल नागर, शिक्षा मंत्री श्री मदन दिलावर सहित जनप्रतिनिधियों ने मानवता का जीवंत उदाहरण बताया। उदयपुर में भी यदि ऐसी सुविधा अस्तित्व में आए तो यह समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक राहत पहुंचाने का प्रभावी माध्यम बनेगा।
नया अध्याय लिखेगा उदयपुर का एमबी अस्पताल परिसर
चिकित्सा सुविधाओं के लिहाज से उदयपुर दक्षिणी राजस्थान का सबसे बड़ा चिकित्सा केंद्र है। यहां कोटा की तर्ज पर भवन निर्माण की योजना लागू कर दी जाए तो यह एमबी अस्पताल परिसर में सेवा, सहयोग और समाज के प्रति उत्तरदायित्व का नया अध्याय रच सकता है।
उदयपुर एमबी अस्पताल में भी हो सकता है ‘रामाश्रय भवन’ जैसा प्रयास, तीमारदारों को मिलेगी राहत

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