24 न्यूज अपडेट उदयपुर।राजस्व ग्राम बेदला, पटवार क्षेत्र बेदला में स्थित आराजी संख्या 1606 की भूमि पर लंबे समय से काबिज विधवा महिला सीमा बिलौची पुत्री राधेश्याम बिलोची पत्नी स्व लक्ष्मण बिलोची ने आरोप लगाया है कि उनके भूखण्ड पर कोर्ट के स्टे के बावजूद अवैध कब्जा कर पट्टे जारी कर दिए गए हैं। शिकायत पर सुनवाई नहीं हो रही है। प्रार्थी महिला का कहना है कि वर्ष 1998 से उनकी भूमि पर उनका स्वामित्व दर्ज है और राजस्व अभिलेखों में उनका नाम स्पष्ट रूप से दर्ज है।
महिला ने बताया कि अन्य खातेदार-कमलेश प्रजापत, राजकुमार, विमल, लीला प्रजापत एवं अन्जु प्रजापत-ने अपनी आराजी संख्या 1608, 1609, 1610 एवं 1611 के भू-रूपांतरण के लिए दिनांक 03.03.2023 को प्लान प्रस्तुत किया। इसमें उनके भूखण्ड को 30 फीट चौड़ी सड़क के रूप में दर्शाया गया। महिला ने आरोप लगाया कि यह रास्ता वास्तव में मौजूद ही नहीं है और नगर विकास प्राधिकरण उदयपुर के अधिकारियों ने मिलीभगत व भ्रष्टाचार करते हुए जानबूझकर तथ्यों को छिपाकर प्लान अनुमोदित किया।
प्रार्थी महिला ने राजस्व कार्यालय में 24.04.2023 और 06.06.2023 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर पट्टे जारी न करने का निवेदन किया था, लेकिन अधिकारियों ने सुनवाई नहीं की और श्री रेवन्त लाल मेहता के नाम पट्टे जारी कर दिए। महिला ने कहा कि इसमें भू-माफियाओं और अधिकारियों की मिलीभगत स्पष्ट है। इस मामले में 19.04.2023 को कोर्ट द्वारा स्टे जारी किया गया कि यहां पर रोड़ नहीं निकाला जावें । उसके पश्चात 26.05.2023 को रोड़ के स्टे को नजर अंदाज कर भुमाफिआयों को लाभ दिलाने के लिए पट्टे जारी कर दिये गये । 30.05.2023 को भुमाफियाओं के खिलाफ भी स्टे जारी हुआ । उसके पश्चात भी कोर्ट की अवेहलना करते हुए यूआईटी पट्टे जारी कर दिये।
महिला ने यह भी बताया कि पूर्व में इन खातेदारों ने आराजी संख्या 1606 में स्थित भूमि पर कब्जा करने का प्रयास किया था, जिसके लिए उन्होंने अपने भाई दीपक बिलोची के माध्यम से एफ.आई.आर. संख्या 151/2018, थाना सुखेर दर्ज करवाई थी। जब एफआईआर करवाई गई तब पुलिस ने मौका रिपोर्ट भी बनाई। इसमें दोनों तरफ मकान बताए गए व बीच में खाली प्लॉट बताया गया। पुलिस ने आरोपी मोहन, निर्मल, कमलेश और विनोद प्रजापत के खिलाफ धारा 447, 323, 427, 504/34 के तहत मुकदमा दर्ज किया और गिरफ्तारी वारंट जारी किए। यह मामला अब भी विचाराधीन है और आगामी पेशी अक्टूबर 2025 को निर्धारित की गई है।
यह था कोर्ट का आदेश
महिला ने न्यायालय में सिविल न्यायाधीश दक्षिण, उदयपुर के समक्ष स्थायी और अस्थायी निषेधाज्ञा के लिए आवेदन किया। न्यायालय ने प्रकरण संख्या 175/2023 ई.दी. और 132/2023 मु.दी. पर स्थगन आदेश पारित कर अधिकारियों को आदेश दिया कि वादग्रस्त भूखण्ड से सड़क या रास्ता बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए न निकाले। लेकिन यूडीए के अफसरों ने एक नहीं सुनी।
अधिकारी भूमाफियाओं से मिले हुए हैं
विधवा महिला का कहना है कि नगर विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारी भू-माफियाओं से मिलीभगत कर उनकी जमीन को अवैध रूप से मार्गाधिकार दिखाकर पट्टे जारी करवा रहे हैं, जबकि न्यायालय के आदेश स्पष्ट रूप से इसके विरुद्ध हैं। महिला ने प्रशासन से अपील की है कि जब तक विवादित प्लान से उनके भूखण्ड में दिखाए गए सड़क/मार्ग को विलोपित नहीं किया जाता, तब तक पट्टों को निरस्त किया जाए।
महिला ने कहा कि यह उनका एकमात्र संपत्ति है और भू-माफियाओं से लड़ना एक विधवा महिला के लिए असंभव है। उन्होंने प्रशासन और न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने की मांग की है।
Discover more from 24 News Update
Subscribe to get the latest posts sent to your email.