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अलवर करंट हादसे में हादसे में गई दो जानें, 30 से अधिक घायल, परिजनों को मिलेगा 10 लाख का मुआवजा, 2 बिजलीकर्मी निलंबित

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24 news update अलवर। बिचगांवा गांव में बुधवार सुबह कांवड़ यात्रा के दौरान करंट फैलने से हुए हादसे के बाद प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही बिजली विभाग के दो जिम्मेदार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।

घटना के कुछ ही घंटों बाद वन मंत्री संजय शर्मा, जिला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और आक्रोशित ग्रामीणों के साथ वार्ता की। घंटों चले विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने 5 लाख रुपए आयुष्मान योजना के तहत और 5 लाख रुपए डिस्कॉम फंड से देने पर सहमति जताई, जिस पर ग्रामीणों ने प्रदर्शन समाप्त किया।


हादसे में गई दो जानें, 30 से अधिक घायल

सुबह 7:30 बजे हरिद्वार से लाई गई कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे ट्रक हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। इसकी चपेट में आने से गोपाल (22) और सुरेश प्रजापत (40) की मौके पर मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा श्रद्धालु झुलस गए, जिनमें से तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे में बिचगांवा निवासी गोपाल प्रजापत (22) पुत्र लालाराम और सुरेश प्रजापत (40) पुत्र कजोड़ीमल की मौत हो गई। सुरेश ने तो अपने पिता और 15 साल के बेटे के सामने ही दम तोड़ा। वहीं गोपाल की चार महीने पहले ही शादी हुई थी। पिता ने बताया- मैंने जूते पहने हुए थे। अपने कंधे पर पहना सफेद गमछा उतारा और लकड़ी पर कपड़ा बांधा। इसके बाद बेटे के पैर में फंसाकर उसे खींचकर दूर लेकर गए, लेकिन जान नहीं बच पाई।


बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप, दो कर्मी सस्पेंड

हादसे के तुरंत बाद बिजली विभाग के JEN दिनेश और टेक्निकल हेल्पर सोनू को जिम्मेदारी तय करते हुए निलंबित कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि हाईटेंशन लाइन के झुके तारों की शिकायत पहले भी दी गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


विरोध के बाद खुला जाम, ग्रामीणों ने जताया असंतोष

प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने 50 लाख रुपए मुआवजे की मांग की थी। प्रशासन की समझाइश के बाद 10 लाख रुपए की राहत पर सहमति बनी। इसके बाद सीएचसी के बाहर जमा भीड़ और रास्ता दोनों खाली कराए गए।


मंत्री ने अस्पताल में घायलों से की मुलाकात

वन मंत्री संजय शर्मा ने लक्ष्मणगढ़ और अलवर के अस्पतालों में भर्ती घायलों से मुलाकात कर हालचाल जाना और बेहतर इलाज का भरोसा दिलाया।


स्थानीय व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में विद्युत सुरक्षा व्यवस्था की खामियों को उजागर कर दिया है। तहसीलदार ममता कुमारी ने कहा कि उन्हें पूर्व में कोई शिकायत नहीं मिली थी, लेकिन अब पूरे मामले की जांच की जा रही है।

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