24 news Update उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमपीयूएटी), उदयपुर के अनुसंधान निदेशालय सभागार में संभाग चतुर्थ-अ की दो दिवसीय क्षेत्रीय अनुसंधान एवं प्रसार सलाहकार समिति (रबी-2025) की बैठक आयोजित हुई। बैठक की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक ने की।
बैठक में निदेशक अनुसंधान ने बताया कि गत वर्ष वैज्ञानिकों द्वारा कुल 49 तकनीकी अनुशंसाएं दी गईं तथा मक्का, औषधीय फसलें, मूंगफली और ज्वार की नवीन किस्में अधिसूचित की गईं, जो विश्वविद्यालय में हो रहे उत्कृष्ट अनुसंधान कार्य का परिचायक है। उन्होंने कहा कि बदलते मौसम के अनुरूप किस्मों का विकास तथा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना समय की आवश्यकता है, ताकि जनमानस को रसायनमुक्त भोजन और पौष्टिक आहार उपलब्ध हो सके।
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर. एल. सोनी ने कहा कि राजस्थान विभिन्न फसलों के उत्पादन में अग्रणी है। आधुनिक तकनीकियों और प्राकृतिक खेती को अपनाकर उत्पादन व किसानों की आमदनी में वृद्धि संभव है। राजस्थान कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता एवं छात्र कल्याण निदेशक डॉ. मनोज महला ने राज्य में गुणवत्ता नर्सरियों की स्थापना पर जोर दिया, ताकि किसानों को श्रेष्ठ पादप सामग्री मिल सके।
बैठक की शुरुआत में संयुक्त निदेशक कृषि विभाग, भीलवाड़ा श्री विनोद कुमार जैन ने रबी 2024 के दौरान वर्षा वितरण, फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादकता का विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने फसलों में आई समस्याओं के समाधान और किसानों की आय बढ़ाने हेतु उन्नत बीज, फसल विविधिकरण तथा मूल्य संवर्धित उत्पादों को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ. अमित त्रिवेदी ने स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय की विभिन्न परियोजनाओं और संभाग की कृषि जलवायु परिस्थितियों पर जानकारी दी। उन्होंने संभाग की फसलों में आ रही समस्याओं के निराकरण हेतु प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया।
बैठक में श्री महेश चेजारा (संयुक्त निदेशक उद्यान, भीलवाड़ा), डॉ. ओ. पी. शर्मा (उपनिदेशक, चित्तौड़गढ़), श्री रमेश आमेटा (कृषि अनुसंधान अधिकारी, चित्तौड़गढ़), श्री पी. सी. वर्मा (परियोजना निदेशक, आत्मा, चित्तौड़गढ़) तथा डॉ. रविकांत शर्मा (उपनिदेशक, अनुसंधान निदेशालय, उदयपुर) सहित वैज्ञानिक और अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान विभिन्न अनुसंधान व विस्तार कार्यों की समीक्षा की गई और किसानों के हित में नई सिफारिशें जारी की गईं। यह जानकारी डॉ. जी. एल. मीना, मीडिया प्रकोष्ठ एवं जनसंपर्क अधिकारी ने दी।
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