24 न्यूज अपडेट,चित्तौड़गढ़, 17 जून। जिले में बालश्रम, बंधुआ मजदूरी एवं मानव दुर्व्यापार के विरुद्ध चलाए जा रहे विशेष अभियान “उमंग-5” के तहत गंगरार थाना क्षेत्र में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो नाबालिग बालश्रमिकों को मुक्त कराया गया। यह रेस्क्यू ऑपरेशन पुलिस, बाल अधिकारिता विभाग, चाइल्ड हेल्पलाइन और जनसाहस संस्थान की संयुक्त टीम द्वारा किया गया।
कार्रवाई मंगलवार को गंगरार क्षेत्र के रीको चौराहे पर स्थित एक ढाबे पर की गई, जहां दो नाबालिग बच्चे खतरनाक परिस्थितियों में रोटियां सेंकने जैसे कार्यों में लगे हुए पाए गए। टीम ने मौके पर बच्चों से बात कर पुष्टि की कि वे रोज़ सुबह 9 बजे से रात 11 बजे तक लगातार काम कर रहे थे, जिससे उनके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा था।
चाइल्ड हेल्पलाइन के जिला समन्वयक नवीन काकडदा ने जानकारी दी कि ढाबे के मालिक के खिलाफ किशोर न्याय अधिनियम 2015 और बालश्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोनों बच्चों को बाल कल्याण समिति, चित्तौड़गढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें राजकीय किशोर गृह में अस्थायी आश्रय प्रदान किया गया है।
रेस्क्यू टीम में शामिल रहे – शैतान सिंह (थाना गंगरार) एएसआई रोहिताश, करण जीनवाल (काउंसलर, चाइल्ड हेल्पलाइन), संदीप कुमार (जनसाहस संस्थान).
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