24 न्यूज अपडेट जबलपुर। जबलपुर जिले के रैपुरा गांव में बन रहे मध्यप्रदेश के पहले रेसकोर्स प्रोजेक्ट को उस समय बड़ा झटका लगा, जब हैदराबाद से लाए गए 57 घोड़ों में से 5 दिनों में 8 घोड़ों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इन घोड़ों को स्थानीय निवासी सचिन तिवारी ने रेसकोर्स के लिए खरीदा था। शुरुआत में सभी घोड़े स्वस्थ थे, लेकिन 5 मई से 13 मई के बीच एक-एक कर 8 घोड़ों की मौत हो गई। इस गंभीर स्थिति की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग अलर्ट मोड पर आ गए।

ग्लैंडर बीमारी की आशंका, जांच के लिए सैंपल भेजे
घोड़ों की मौत के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर एक रैपिड रिस्पॉन्स टीम बनाई गई, जिसने तत्काल बीमार और मृत घोड़ों के ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए हरियाणा स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र भेजे। रिपोर्ट में 44 घोड़ों की ग्लैंडर रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन प्रशासन अभी भी सतर्क है। ग्लैंडर एक जानलेवा संक्रामक रोग है, जो घोड़ों, खच्चरों और गधों को होता है और इंसानों में भी फैल सकता है। इसके लक्षणों में नाक से खून और गंदा पानी आना, बुखार, कमजोरी और फोड़े शामिल हैं।

गर्मी और कॉलिक बीमारी को मौत का कारण माना जा रहा
पशु चिकित्सा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर प्रफुल्ल मून ने बताया कि घोड़ों को जब हैदराबाद से लाया गया था, उस समय जबलपुर में गर्मी चरम पर थी। संभवतः अधिक तापमान और अचानक बदले वातावरण के कारण कुछ घोड़े गंभीर रूप से बीमार हो गए। प्रारंभिक अनुमान में कुछ मौतों का कारण कॉलिक (पेट की बीमारी) भी माना जा रहा है। मृत घोड़ों में काठियावाड़ी और मारवाड़ी नस्ल के घोड़े थे, जिनकी कीमत 60 हजार से लेकर लाखों रुपये तक होती है।

मेनका गांधी ने लिया संज्ञान, रिपोर्ट मांगी
घोड़ों की मौत की खबर पूर्व केंद्रीय मंत्री और पशु अधिकार कार्यकर्ता मेनका गांधी तक पहुंच चुकी है। उन्होंने जिला प्रशासन और पशुपालन विभाग से तत्काल रिपोर्ट तलब की है और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि घोड़ों की देखभाल में कोई लापरवाही न हो। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि सचिन तिवारी ने ये घोड़े किस स्रोत से खरीदे और उनके स्वास्थ्य की जांच के लिए क्या औपचारिक प्रक्रियाएं अपनाई गईं थीं।

रेसकोर्स परियोजना पर संकट के बादल
यदि रेसकोर्स प्रोजेक्ट सफल होता, तो यह मध्यप्रदेश का पहला रेसकोर्स होता। लेकिन घोड़ों की मौत के चलते अब यह योजना विवादों और जांच के घेरे में आ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेसकोर्स की योजना को पुनः विचार कर शुरू किया जाना चाहिए, जिसमें पशु स्वास्थ्य की पूरी गारंटी हो।

रेस घोड़ों की कीमत लाखों में होती है
जानकारों के अनुसार, थोरोब्रेड नस्ल के रेस घोड़ों की कीमत उनकी प्रदर्शन और वंश पर निर्भर करती है। किसी घोड़े की नीलामी पांच लाख रुपये से शुरू होती है और अगर वह कई रेस जीत चुका हो, तो उसकी कीमत 25 से 50 लाख रुपये तक पहुंच जाती है। वहीं, देशी नस्ल की मारवाड़ी और काठियावाड़ी घोड़े भी शो और शादी समारोहों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध हैं, जिनकी कीमत 60 हजार से 1 लाख रुपये तक होती है।


Discover more from 24 News Update

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

By desk 24newsupdate

Watch 24 News Update and stay tuned for all the breaking news in Hindi ! 24 News Update is Rajasthan's leading Hindi News Channel. 24 News Update channel covers latest news in Politics, Entertainment, Bollywood, business and sports. 24 न्यूज अपडेट राजस्थान का सर्वश्रेष्ठ हिंदी न्‍यूज चैनल है । 24 न्यूज अपडेट चैनल राजनीति, मनोरंजन, बॉलीवुड, व्यापार और खेल में नवीनतम समाचारों को शामिल करता है। 24 न्यूज अपडेट राजस्थान की लाइव खबरें एवं ब्रेकिंग न्यूज के लिए बने रहें ।

Leave a Reply

error: Content is protected !!

Discover more from 24 News Update

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Discover more from 24 News Update

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading