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24 News Update udaipur
उदयपुर ने सरोवर विज्ञान और मत्स्यकी के प्रणेता प्रो. वी. एस. दुर्वे को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और समाजसेवियों ने उनकी स्मृतियों को नमन किया।
श्रद्धांजलि सभा में प्रमुख उपस्थिति
- पूर्व कुलपति, कोटा विश्वविद्यालय – डॉ. मधुसूदन शर्मा
- पूर्व अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय – डॉ. एल. एल. शर्मा
- अन्य प्रमुख विद्वान – डॉ. विमल शर्मा, डॉ. सुबोध शर्मा, डॉ. एस. एम. जैन, प्रो. नटवरलाल शर्मा
- महाराष्ट्र समाज प्रतिनिधि – श्री के. पी. सुखतानकर, विलास जाह्नवे
- अन्य गणमान्य व्यक्ति – डॉ. अभिमन्यु सिंह, डॉ. दर्शना दवे, डॉ. सुमना श्रीमाली
प्रो. वी. एस. दुर्वे का जीवन परिचय
| जन्म | 21 मार्च 1931, पंढरपुर, महाराष्ट्र |
|---|---|
| शिक्षा | बी.एससी, एम.एससी, पीएच.डी. (बॉम्बे यूनिवर्सिटी) |
| निधन | 24 फरवरी 2025, बड़ौदा प्रवास के दौरान |
| प्रमुख कार्यक्षेत्र | सरोवर विज्ञान, मत्स्यकी, जल संरक्षण, शिक्षण |
शैक्षणिक और शोध योगदान
- 1977-78: उदयपुर विश्वविद्यालय (RCA) में लिम्नोलॉजी एवं फिशरीज विभाग की स्थापना
- 1991: सेवानिवृत्ति के बाद भोपाल नोबल्स महाविद्यालय में 20 वर्षों तक अध्यापन
- 2003: प्रदेश के एकमात्र मात्स्यकी महाविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका
- राजस्थान के जल स्रोतों पर शोध: पेयजल गुणवत्ता और मत्स्य उत्पादकता पर विस्तृत अध्ययन
- मत्स्य पालन नीति निर्माण: राज्य मत्स्य निदेशालय के साथ मिलकर नीति निर्माण
राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान
विदेशी सेवाएं
- बहरीन सरकार के वरिष्ठ मत्स्यकी सलाहकार
- फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में अमेरिका की ऑबर्न यूनिवर्सिटी में शोध कार्य
भारत में प्रमुख योगदान
- भारत सरकार की पर्यावरण एवं वन मंत्रालय समिति के सदस्य
- उदयपुर झील संरक्षण योजना के लिए 111 करोड़ रुपये की स्वीकृति दिलाने में भूमिका
- गैपसागर झील (डूंगरपुर) के संरक्षण हेतु तकनीकी रिपोर्ट तैयार की
- राजस्थान झील प्राधिकरण के विधेयक के निर्माण में सहयोग
प्रमुख शोध एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम
| संस्था | परियोजनाएं |
|---|---|
| ICAR, UGC, CSIR, DST, DOD, RTADCF | जल संरक्षण एवं मत्स्य पालन शोध |
| यूनिसेफ | ग्रामीण पेयजल सलाहकार, नारू रोग उन्मूलन अभियान |
| डी.एस.टी., महासागर विकास विभाग | मछली पालन और बहुरंगी मछली उत्पादन प्रशिक्षण |
| ल्यूपिन मानव कल्याण एवं अनुसंधान फाउंडेशन | भरतपुर में मत्स्य पालन सहकारी समितियों की स्थापना |
समाज सेवा और अन्य कार्य
- ब्लाइंडनेस कंट्रोल सोसाइटी के माध्यम से 1000 से अधिक मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाए
- महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष के रूप में दो कार्यकाल की सेवा
- झील संरक्षण और पर्यावरण जागरूकता शिविरों का आयोजन
श्रद्धांजलि सभा में वक्तव्य
डॉ. आर. ए. कौशिक (अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय)
“डॉ. दुर्वे ने प्रदेश में सरोवर विज्ञान और मत्स्यकी के आधार स्तंभ को मजबूती प्रदान की। उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।”
डॉ. एल. एल. शर्मा (पूर्व अधिष्ठाता, मात्स्यकी महाविद्यालय)
“उन्होंने अपनी दूरदृष्टि से उदयपुर में मत्स्यकी शिक्षा और शोध को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।”

