24 News Update राजसमंद। नाथद्वारा के श्री गोवर्धन राजकीय जिला अस्पताल से तीन दिन के नवजात शिशु को चोरी करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले का 24 घंटे में खुलासा करते हुए दो सगी बहनों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। इनमें से एक महिला की शादी को 10 साल हो चुके थे और वह मां नहीं बन पा रही थी। उसी मातृत्व की ललक में उसने नवजात शिशु चोरी की साजिश रची। यह घटना 4 अगस्त की है, जब नाथद्वारा के सुखाड़िया नगर निवासी चेतन भील की पत्नी बिंदिया जिला अस्पताल में भर्ती थीं। 1 अगस्त को उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया था। 4 अगस्त को एक युवती नर्स का कोट पहने अस्पताल पहुंची और परिजनों से कहा कि बच्चे को ऊपर वार्ड में ले जाना है। पीड़ित चेतन ने अपनी बहन चंदा को उसके साथ भेजा। रास्ते में आरोपी महिला ने आधार कार्ड मांगा और चंदा को लाने के लिए भेज दिया। इसी दौरान वह नवजात को लेकर गायब हो गई।
सीसीटीवी फुटेज से पहचान, 15 किलोमीटर दूर से बरामद हुआ बच्चा
घटना के तुरंत बाद चेतन ने श्रीनाथजी थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता के निर्देश पर टीम गठित की गई। अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज और इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर पुलिस ने बच्चा चुराने वाली महिला की पहचान की और राजसमंद से 15 किलोमीटर दूर बिजनोल इलाके से बच्चे को सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
चेतना और भारती नाम की बहनों को किया गिरफ्तार
गिरफ्तार की गई महिलाओं की पहचान चेतना (28), निवासी गढ़वाड़ा भांसौल, थाना घासा (उदयपुर) और उसकी बहन भारती (27), निवासी डिंगेला, थाना नाथद्वारा (राजसमंद) के रूप में हुई है। पूछताछ में उन्होंने बताया कि चेतना 10 वर्षों से निःसंतान है और दो बार IVF भी करवा चुकी है, लेकिन दोनों बार गर्भधारण असफल रहा। आखिरी बार उसका आठवें महीने में गर्भपात हो गया, जिसकी जानकारी सिर्फ परिवार के नजदीकी सदस्यों को थी।
भूखा न रहे बच्चा, इसलिए बहन को भी शामिल किया
चेतना ने पुलिस को बताया कि वह इस बच्चे को मारना या बेचने की नीयत से नहीं लाई थी, बल्कि वह उसे पालना चाहती थी। उसने कहा, “मैंने सोचा कि नर्स की ड्रेस पहनकर बच्चा चुरा लूंगी। लेकिन बच्चा भूखा न रहे, इसलिए अपनी बहन को साथ लाया।” बहन भारती ने भी स्वीकार किया कि उसे दूध पिलाने के लिए साथ लाया गया था और इस बात की जानकारी परिवार में बहुत सीमित लोगों को थी।
2-3 दिन की रेकी के बाद रची साजिश
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि दोनों बहनें 2-3 दिन से अस्पताल में रेकी कर रही थीं और शिशु चुराने की पूरी योजना बनाकर आई थीं। बच्चा चुराने के बाद वे उसे अपने रिश्तेदार के घर बिजनोल ले गईं, जहां से पुलिस ने उसे सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस का सराहनीय कार्य: 24 घंटे में बच्चे को खोजा और आरोपियों को पकड़ा
इस पूरे मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कम समय में ही आरोपी बहनों को गिरफ्तार कर लिया और नवजात को सकुशल उसके माता-पिता को सौंप दिया। राजसमंद एसपी ममता गुप्ता के नेतृत्व में की गई इस त्वरित कार्रवाई की व्यापक सराहना हो रही है।
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