24 News Update डूंगरपुर। शहर के चमनपुरा मोहल्ले के पीछे की पहाड़ियों पर सोमवार देर शाम एक चौंकाने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब एक साथ तीन तेंदुए (लेपर्ड) पहाड़ी की चोटी पर टहलते नजर आए। इस दृश्य को कई स्थानीय लोगों ने अपने मोबाइल कैमरों में कैद भी किया, जिसके बाद इलाके में दहशत फैल गई है। हालांकि तीनों तेंदुए पहाड़ी के ऊपरी हिस्से तक ही सीमित रहे और नीचे बस्ती की तरफ नहीं आए, लेकिन स्थानीय लोगों के मन में संभावित हमले का डर बना हुआ है। खासकर जब बच्चे खेलते-खेलते पहाड़ी की ओर चले जाते हैं, तो चिंता और भी बढ़ जाती है।
पहले भी हो चुकी है तेंदुए की मौजूदगी की पुष्टि
चमनपुरा मोहल्ले के पीछे जंगल वाला इलाका होने के कारण यहां पहले भी कई बार तेंदुए देखे जा चुके हैं। कुछ दिनों पहले ही बांसवाड़ा कॉलोनी के पीछे की पहाड़ियों पर भी एक तेंदुआ देखा गया था। ऐसे में लगातार तेंदुओं की सक्रियता से वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की मांग की है। उनका कहना है कि अभी तक तेंदुए ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया है, लेकिन यदि कोई अप्रिय घटना होती है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? लोग विशेषकर बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
क्या कहता है वन विभाग?
वन विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को लोगों की मांगों और दहशत के माहौल को गंभीरता से लेने की जरूरत है। क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने, कैमरे लगाने और तेंदुओं की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
जंगल के सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती मानवीय आबादी भी कारण
विशेषज्ञों का मानना है कि मानव बस्तियों के लगातार जंगलों की ओर बढ़ने से वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास सिकुड़ रहा है, जिससे वे भोजन और जल की तलाश में आबादी वाले क्षेत्रों की ओर आने लगे हैं।

