24 न्यूज अपडेट, स्टेट डेस्क। यह सच है कि भ्रष्टाचार अब सर्वव्यापी बन गया है। हर कोई मान चुका है कि सिस्टम बिना लेन देन के चल ही नहीं सकता। ऐसे में अब प्रयास यह हो रहे हैं कि छोटी मछली को छोड़ दिया जाए व बड़े हार्थियों पर ही कार्रवाई की जाए। जनता तो बरसों से रिश्वत देती आई है जुर्माना भरती आई है। कम भ्रष्टाचार करने वाले ज्यादा पनिशमेंट पाते आते हैं। इसकी गूंज भी विधानसभा में बार बार सुनाई देती आई है लेकिन अगर सरकारी स्तर पर खाउंगा ना खाने दूंगा की बात करने वाले दल के मंत्री यह बात कहें तो चौंकना लाजमी है। अब मंत्री भी मानने लग गए हैं कि भ्रष्टाचार तो हो रहा है मगर उनका मत है कि छोटा मोटा भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत का एक बयान विवादों में आ गया है, जिसमें उन्होंने पुलिस अधिकारियों से अवैध बजरी परिवहन में शामिल ट्रैक्टरों को न रोकने की अपील की।
डीएसपी और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में गहलोत ने कहा,
“मैंने पहले ही कह दिया था कि जो ट्रैक्टर बजरी का काम करते हैं, उनका ट्रैक्टर मत पकड़वाना। सवा लाख रुपए की रसीद भरना बहुत मुश्किल होता है। मजदूरों को एक ट्रैक्टर के पीछे मुश्किल से 200-250 रुपए मिलते हैं, और एक दिन में उनकी कमाई 500-600 रुपए से ज्यादा नहीं होती। प्रशासनिक अधिकारी हों या पुलिस, सभी को ईमानदारी से ऐसा काम करना चाहिए जिससे जैतारण का नाम खराब न हो।”
यह बयान ब्यावर जिले के जैतारण में फौजी चौराहे पर होलिका दहन समारोह के दौरान दिया गया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
विपक्ष का हमला – ‘भाजपा सरकार अवैध खनन को दे रही बढ़ावा’
मंत्री के बयान को लेकर विपक्ष ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस वीडियो को साझा करते हुए मुख्यमंत्री पर निशाना साधा।
जूली ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“मंत्री जी खुले मंच से अधिकारियों के सामने अवैध बजरी खनन को बढ़ावा देने की बात कह रहे हैं। यह साबित करता है कि प्रदेशभर में संगठित रूप से भाजपा सरकार द्वारा अवैध खनन की अनुमति दी जा रही है। जैतारण क्षेत्र में मंत्री जी के संरक्षण में अवैध बजरी का स्टॉक कर डंपर-ट्रेलर भरे जा रहे हैं।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया,
“क्या आपको इन अवैध गतिविधियों की जानकारी है, या फिर यह सब आपकी सहमति से हो रहा है? जवाब तो देना पड़ेगा।”
भ्रष्टाचार पर ‘शिष्टाचार’ का इंजन?
गहलोत के इस बयान ने सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां प्रशासन अवैध खनन पर रोक लगाने की बात करता है, वहीं सरकार के मंत्री खुले मंच से इसे अनदेखा करने का संदेश दे रहे हैं। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस मामले पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या प्रशासन इस बयान पर कोई कार्रवाई करता है।

