24 News Update जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थान सरकार सरकारी काम-काज में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई कर रही है। डीआईपीआर की ओर से जारी एक सरकारी खबर में बताया गया कि इसी क्रम में कुल 15 प्रकरणों में 28 कार्मिकों के विरुद्ध विभिन्न अनुशासनात्मक कार्रवाई की स्वीकृति दी गई है।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों को रिश्वत लेने और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। चुनाव कार्य में लापरवाही बरतने वाले उपखंड अधिकारी और तहसीलदार के खिलाफ अधिकारियों के वर्गीकरण नियम, 1958 के तहत आरोप पत्र जारी कर विभागीय कार्रवाई की मंजूरी दी गई।
सेवा में लगातार अनुपस्थिति और लापरवाही दिखाने वाले एक कार्मिक को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की सिफारिश भी अनुमोदित की गई।
तीन प्रकरणों में कुल 13 अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की गई। भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए अधिकारियों की पेंशन रोकने का निर्णय लिया गया है। दो मामलों में दोषसिद्ध अधिकारियों की पूर्ण पेंशन रोक दी गई, जबकि तीन अन्य प्रकरणों में पांच अधिकारियों की समानुपातिक पेंशन राशि रोकी गई।
सेवानिवृत्ति के बाद आरोप प्रमाणित पाए जाने पर एक प्रकरण राज्यपाल को अनुमोदन के लिए भेजा गया। नियम 17-सीसीए के तहत क्षेत्राधिकार से बाहर कार्यवाही करने वाले एक प्राचार्य को दंडित किया गया। इसके अलावा, राजस्थान पुलिस सेवा के एक अधिकारी की पुनरावलोकन याचिका खारिज करते हुए पहले का दंड यथावत रखा गया।
राज्य सरकार ने 28 कार्मिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मंजूरी, दो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी निलंबित

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