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- 251 दीपों की महाआरती में उमड़े सैकड़ों श्रद्धालु, महाप्रसादी का हुआ आयोजन
24 News Update उदयपुर। श्री लक्ष्मीनारायण युवा परिषद एवं परशुराम गरबा मंडल की ओर से पुरोहितों की मादड़ी स्थित दुदाजी का देवरा मंदिर प्रांगण में समस्त औदिच्य समाज के सामूहिक गरबा उत्सव में भरपूर रंग जमा। सामाजिक स्तर पर आयोजित इस भव्य महोत्सव में समाज की अधिकांश महिलाएं ट्रेडिशनल वेशभूषा में नजर आए। भक्ति भाव के साथ आराधना की और गरबा के गानों पर जमकर डांडिया खेले। डांडियों की खनक के साथ देर रात तक समाजजनों खुब गरबा खेला। महोत्सव में पारंपरिक गीतों की धुन पर सभी ने गरबे का आनंद लिया। संस्थापक हीरालाल गोकलावत व पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत ने संयुक्त रूप से बताया कि गुरुवार को दोपहर 12 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हवन हुआ। उसके बाद शोभायात्रा के साथ जवारा विसर्जन किया किया उसके बाद महाप्रसादी का आयोजन हुआ।
नवरात्रि के सातवें दिन माताजी की 251 दीपों से महाआरती जमनालाल-राधादेवी, धमेन्द्र- द्रोपदी व नरेश- निर्मला गोन्दावत परिवार द्वारा की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित रहीं और दुर्गा माता की आराधना की। गरबा महोत्सव में सहित कई औदिच्य समाज के गणमान्य बतौर अतिथि के रूप में मौजूद रहे। परिषद के उपाध्यक्ष जितेन्द्र गोन्दावत व कोषाध्यक्ष मांगीलाल पतावत ने बताया कि सर्वप्रथम माताजी की पहली आरती हुई। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तजन शामिल हुए। इसके बाद शुरू हुए डांडियों की खनक और गरबे के गानों ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद माँ की भक्ति गीतों पर महिलाएं – पुरुष और बच्चों ने गरबा रास किया। प्रतियोगिता करवाई जिसमें बच्चों को परितोष देकर सम्मान दिया गया। नवरात्र के 9 दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना हो रही है। रोज विशेष भोग अर्पित हो रहा है। परशुराम गरबा मंडल के भोपाजी गणेशलाल ईडाणा ने बताया कि नवरात्र महोत्सव के अंतर्गत प्रतिदिन विशेष पूजा-अर्चना, गरबा नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। उन्होने बताया कि समस्त औदिच्य समाज जन गरबा महोत्सव में भाग रहे है। प्रतिदिन समाजजनों द्वारा अलग-अलग प्रसाद वितरित किया जा रहा है। अध्यक्ष झमकलाल धुलावत व सांस्कृतिक मंत्री हितेश व्यास ने बताया कि हर दिन अलग-अलग थीम पर गरबा नृत्य आयोजित होगा। साथ ही, महिलाओं और युवाओं के लिए पारंपरिक परिधान प्रतियोगिता भी आयोजित कर रहे है। गरबा होने के बाद बच्चों, युवा एवं महिलाओं के लिए कुर्सी रेस, चम्मच रेस, बोरी रेस सहित अलग-अलग प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। कुर्सी रेस प्रतियोगिता में धर्मेन्द्र गोन्दावत प्रथम व हीरालाल गोकलावत द्वितीय स्थान पर रहे। इस दौरान सैकड़ों समाजजन मौजूद रहे। इस अवसर पर संस्थापक हीरालाल गोकलावत, पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत, भोपाजी गणेशलाल ईडाणा, छगनलाल डूंगावत, दिलीप डूंगावत, पूर्व कोषाध्यक्ष डालचंद बोरीवाला, कोषाध्यक्ष मांगीलाल पतावत, हरीश फरावत, कैलाश डूंगावत, मांगीलाल गोन्दावत, प्रेमशंकर रोडदा, गणेशलाल गोन्दावत, प्रेमशंकर गोन्दावत, हीरालाल पतावत, तुलसीराम डूंगावत, दिलीप डूंगावत, छनगलाल डूंगावत, नारायण औदिच्य बोरी, गिरजाशंकर गोन्दावत, जितेन्द्र औदिच्य वल्लभ, शोभालाल गोकलावत, हीरालाल जीवावत,हितेश व्यास, धमेन्द्र गोन्दावत, भूपेश डूंगावत, जमनेश डूंगावत, प्रकाश हीरावत, जितेन्द्र गोन्दावत, नरेश गोन्दावत, रूपलाल हीरावत, पियुष गोकलावत, बद्री प्रसाद हीरावत, मनीष गोन्दावत, हितेश गोन्दावत, अनिल गोन्दावत, नरेश गोन्दावत, हिमेश औदिच्य वल्लभ, हार्दिक हीरावत, सौरभ पतावत, विराट डूंगावत, अनीश डूंगावत, सिद्धार्थ डूंगावत, अर्नव डूंगावत, रुद्राक्ष गोन्दावत, दिव्यांश पतावत, दक्ष गोन्दावत, कमलेश औदिच्य करावली, शिवलाल औदिच्य ईडाणा, हितेश औदिच्य उथरदा, पंकज औदिच्य वल्लभ, भरत हीरावत, आजाद गोकलावत, पार्थ गोन्दावत, महिला मण्डल में कांता बाई डूंगावत, आशा देवी व्यास, गंगा देवी गोन्दावत, सुमित्रा हीरावत, नीतू डूंगावत, हेमलता बोरी, गुडिया गोन्दावत, सुमित्रा ईडाणा, मोनिका डूंगावत, ललिता डूंगावत, दिव्या डूंगावत, खुशबू गोन्दावत, जया बोरीवाला, पिंकी पतावत, सावित्री पतावत, मीना औदिच्य वल्लभ, रेणू करावली, आशा देवी आट, लाली गोकलावत, प्रिंयका फरावत, द्रोपदी गोन्दावत, निर्मला गोन्दावत, कोमल जीवावत, पूजा डूंगावत, लक्ष्य गोकलावत, कन्वी गोन्दावत, सिद्धार्थ बोरीवाला, रूद्र जीवावत, सचिन औदिच्य वल्लभ, भव्यांश हीरावत, जान्हवी डूंगावत, प्रिया हीरावत, रवीना जावद सहित कई औदिच्य समाज के समाजजन मौजूद रहे।

