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औदिच्य समाज के नौ दिवसीय सामूहिक गरबा महोत्सव में देर रात थिरके समाजजन

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– औदिच्य समाज का गरबा महोत्सव : भक्ति और शक्ति के रंग में रंगे समाजजन
– नवरात्रि गरबा महोत्सव का तीसरा दिन : सामूहिक गरबा आयोजन में उमड़ रहे है समाजजन
– कुर्सी रेस प्रतियोगिता में पूजा डूंगावत प्रथम, खुशबू गोन्दावत द्वितीय स्थान पर

24 News Update उदयपुर। श्री लक्ष्मीनारायण युवा परिषद एवं परशुराम गरबा मंडल की ओर से पुरोहितों की मादड़ी स्थित दुदाजी का देवरा मंदिर प्रांगण में समस्त औदिच्य समाज के सामूहिक गरबा उत्सव में तीसरे दिन बुधवार को ड़़ाडियों की खनक के साथ देर रात तक समाजजनों खुब गरबा खेला। सर्वप्रथम माताजी की पहली आरती हुई। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तजन शामिल हुए। इसके बाद शुरू हुए डांडियों की खनक और गरबे के गानों ने भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया।  इसके बाद माँ की भक्ति गीतों पर महिलाएं – पुरुष और बच्चों ने गरबा रास किया।  प्रतियोगिता करवाई जिसमें बच्चों को परितोष देकर सम्मान दिया गया। नवरात्र के 9 दिनों तक मां के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना हो रही है। रोज विशेष भोग अर्पित हो रह है।
संस्थापक हीरालाल गोकलावत व पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत ने संयुक्त रूप से बताया कि नवरात्रि के दूसरे दिन माताजी की महाआरती झमकलाल-मीना, भव्या, मोनिका, हिमांशु धूलावत परिवार द्वारा की गई। इस अवसर पर बड़ी संख्या में महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में उपस्थित रहीं और दुर्गा माता की आराधना की। गरबा महोत्सव में तुलसीराम डूंगावत, शोभालाल गोकलावत, छगनलाल डूंगावत, आकाश वेलवड़ी, जितेन्द्र औदिच्य वल्लभ बतौर अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
परशुराम गरबा मण्डल के भोपाजी गणेशलाल ईडाणा ने बताया कि नवरात्र महोत्सव के अंतर्गत प्रतिदिन विशेष पूजा-अर्चना, गरबा नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। उन्होने बताया कि समस्त औदिच्य समाज जन गरबा महोत्सव में भाग रहे है।
अध्यक्ष झमकलाल धुलावत व सांस्कृतिक मंत्री हितेश व्यास ने बताया कि हर दिन अलग-अलग थीम पर गरबा नृत्य आयोजित होगा। साथ ही, महिलाओं और युवाओं के लिए पारंपरिक परिधान प्रतियोगिता भी आयोजित कर रहे है। गरबा होने के बाद बच्चों, युवा एवं महिलाओं के लिए कुर्सी रेस, चम्मच रेस, बोरी रेस सहित अलग-अलग प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है। कुर्सी रेस प्रतियोगिता में पूजा डूंगावत प्रथम, खुशबू गोन्दावत द्वितीय स्थान पर रहे।
इस अवसर पर संस्थापक हीरालाल गोकलावत, पूर्व अध्यक्ष बंशीलाल पतावत, नारायण हीरावत, भोपाजी गणेशलाल ईडाणा, छगनलाल डूंगावत, दिलीप डूंगावत, पूर्व कोषाध्यक्ष डालचंद बोरीवाला, कोषाध्यक्ष मांगीलाल पतावत, हरीश फरावत, कैलाश डूंगावत, हितेश व्यास, धमेन्द्र गोन्दावत, भूपेश डूंगावत, जमनेश डूंगावत, प्रकाश हीरावत, जितेन्द्र गोन्दावत, नरेश गोन्दावत, रूपलाल हीरावत, पियुष गोकलावत, हिमेश औदिच्य वल्लभ, हार्दिक हीरावत, सौरभ पतावत, विराट डूंगावत, अनीश डूंगावत, सिद्धार्थ डूंगावत, अर्नव डूंगावत, रुद्राक्ष गोन्दावत, दिव्यांश पतावत, दक्ष गोन्दावत, कमलेश औदिच्य करावली, पार्थ गोन्दावत,  महिला मण्डल में कांता बाई डूंगावत, आशा देवी व्यास, सुमित्रा हीरावत, नीतू डूंगावत, सुमित्रा ईडाणा, मोनिका डूंगावत, ललिता डूंगावत, दिव्या डूंगावत, खुशबू गोन्दावत, पिंकी पतावत, सावित्री पतावत, मीना औदिच्य वल्लभ, लाली गोकलावत, प्रिंयका फरावत, द्रोपदी गोन्दावत, निर्मला गोन्दावत, कोमल जीवावत, पूजा डूंगावत, लक्ष्य गोकलावत, कन्वी गोन्दावत, रूद्र जीवावत, सचिन औदिच्य वल्लभ, भव्यांश हीरावत, जान्हवी डूंगावत, प्रिया हीरावत, रवीना जावद सहित कई औदिच्य समाज के समाजजन मौजूद रहे।

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