– भारतीय जैन संघटना उदयपुर के 100 सदस्यों का दल कोटा यात्रा कर लौटा
– कोटा व उदयपुर के सदस्यों ने सांस्कृतिक, धार्मिक व पर्यटन धरोहर के सम्बन्ध में की चर्चा
24 News Update उदयपुर। सामाजिक संस्था भारतीय जैन संघटना उदयपुर का 100 सदस्यों का यात्रा दल मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत के नेतृत्व में सांस्कृतिक एवं पर्यटन के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कोटा की दो दिवसीय सफल यात्रा पूर्ण उदयपुर पहुंचा।
मुख्य संरक्षक फत्तावत ने बताया कि दो दिवसीय यह यात्रा सफल एवं प्रेरणादायिक रही। यह अनुभव सभी सदस्यों के लिए सांस्कृतिक एवं पयर्टन की दृष्टि से लाभदायक सिद्ध हुआ। उदयपुर से गए दल ने भारतीय जैन संघटना कोटा के साथ सांस्कृतिक, धार्मिक व पर्यटन धरोहर के सम्बन्ध में चर्चा कर विस्तृत जानकारी ली। बीजेएस उदयपुर एवं कोटा के सदस्यों ने आपस में एक-दूसरे के द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए अपने-अपने अनुभव आपस में साझा किए।
भारतीय जैन संघटना अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने बताया कि इस यात्रा में कोटा के प्रमुख दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया गया। इस दौरान करेडा पाश्र्वनाथ मंदिर, सेवन वण्डर, चम्बल नदी पर बने विराट रिवर फ्रंट, वैष्णों देवी मंदिर की प्रतिकृति मां त्रिकुटा मंदिर, ऑक्सीजन पार्क, बिजोलिया पाश्र्वनाथ मंदिर जैसे दर्शनीय स्थलों का अवलोकन किया। रिवर फ्रंट का विहंगम दृश्य देखकर यात्रा दल के प्रत्येक सदस्य अभिभुत हुए। वहीं साक्षात वैष्णों देवी मंदिर कटरा की तर्ज पर बना मां त्रिकुटा मंदिर की स्थापत्य कला को देखकर दर्शन के लिए गया दल गदगद हो गया।
कार्यकारी अध्यक्ष भूपेन्द्र गजावत व महामंत्री जितेन्द्र सिसोदिया ने बताया कि जैसे ही पूरा दल कोटा पहुंचा तो वहां के स्थानीय बीजेएस परिवार के संभागीय अध्यक्ष राजेश बागरेचा, संभागीय महामंत्री दिलीप जैन, जीतो कोटा अध्यक्ष पंकज सेठी, बीजेएस कोटा महामंत्री अरूण जैन, पीसी गोधा, प्रवीण चतर, आदित्य भण्डारी, लेडिज विंग अध्यक्षा चंचल पामेचा, बेला चतर, टीना कोठारी, अनिता जैन, निलीमा जैन, चित्रा बागरेचा आदि द्वारा बीजेएस उदयपुर के सदस्यों का गर्मजोशी से स्वागत सत्कार किया गया। उसके बाद दल के सदस्यों ने सेवन वण्डर पार्क में दूनिया के सात अजूबों की प्रतिकृति देखकर फोटो व सैल्फी लेकर सांस्कृतिक धरोहर को सजोया।
लेजिड विंग की अध्यक्ष मीना कावडिय़ा व महामंत्री नीतू गजावत ने बताया कि पारिवारिक माहौल की दो दिवसीय यह कोटा यात्रा सदस्यों में आपसी सौहार्द एवं समन्वय की अभिवृद्धि में मील का पत्थर साबित हुई। सभी सदस्यों द्वारा कम से कम वर्ष में एक बार इस तरह की यात्रा आयोजित करने के लिए कहा गया एवं इस यात्रा के सभी सदस्यों ने पदाधिकारियों का आभार जताया।
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