24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। कलेक्टर आवास और कलेक्ट्रेट के बाहर चार दिनों तक चले प्रदर्शन के बाद मध्य प्रदेश से आए 72 मजदूरों को 16.24 लाख रुपये का भुगतान किया गया। ये मजदूर वन विभाग के ठेकेदारों पर 47 लाख रुपये की बकाया मजदूरी का दावा कर रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया था।
मजदूरों की मांग और समझौता
मजदूरों ने दावा किया था कि उन्होंने परसाद, सराड़ा और उदयपुर पश्चिम रेंज में पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदे थे। कुल मजदूरी 51.12 लाख रुपये बनती थी, लेकिन उन्हें केवल 3.59 लाख रुपये ही मिले थे, जबकि 47.53 लाख रुपये बकाया थे। मजदूर सरकारी टेंडर के हिसाब से भुगतान की मांग कर रहे थे। शुरुआत में ठेकेदार केवल ढाई से तीन लाख रुपये देने को तैयार थे, लेकिन प्रशासन की मध्यस्थता के बाद यह राशि बढ़ाकर 16.24 लाख रुपये कर दी गई।
ठेकेदार और प्रशासन की प्रतिक्रिया
परसाद रेंजर रामचंद्र सिंह ने बताया कि मजदूरों को उनके कार्यों की जांच के बाद बीएसआर रेट के अनुसार भुगतान कराया गया। ठेकेदार दिलीप सिंह ने सफाई दी कि मजदूरों को उनके काम के हिसाब से भुगतान किया गया है, लेकिन वे टेंडर की राशि के अनुरूप पैसा मांग रहे थे। ठेकेदारों के बीच प्रतिस्पर्धा के कारण मजदूरों को भड़काया गया था, जिससे विवाद बढ़ा। भविष्य में इस तरह की समस्या से बचने के लिए अब ठेकेदारों और मजदूरों के बीच स्पष्ट एग्रीमेंट किया जाएगा।
विवाद का समाधान
चार दिन तक चले इस विवाद के बाद आखिरकार मजदूरों को उनकी बकाया राशि मिल गई है। प्रशासन ने दोनों पक्षों को मध्यस्थता के जरिए समझौते के लिए राजी किया। भविष्य में ऐसे विवाद न हों, इसके लिए ठेकेदारों और मजदूरों के बीच कार्यशैली को अधिक पारदर्शी और अनुबंध आधारित बनाने की बात कही गई है।

