24newsupdate नई दिल्ली, लोकसभा में सांसद राजकुमार रोत ने एयरलाइंस द्वारा मनमाने तरीके से वसूले जा रहे किराए के मुद्दे को उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि एक ही फ्लाइट में एक ही गंतव्य के लिए अलग-अलग यात्रियों से अलग-अलग किराया क्यों वसूला जाता है? यह व्यवस्था यात्रियों के साथ अन्याय है और सरकार को इसे नियंत्रित करना चाहिए।
सवाल: एक ही फ्लाइट के लिए अलग-अलग किराया क्यों?
सांसद रोत ने प्रश्नकाल के दौरान नागर विमानन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू से सवाल किया कि यदि किसी यात्री को एक ही फ्लाइट में यात्रा करनी है, तो अलग-अलग समय पर बुकिंग करने पर किराए में इतना अंतर क्यों आता है? उन्होंने कहा कि कभी 10,000 रुपए, कभी 12,000 तो कभी 15,000 रुपए तक का किराया दिखाया जाता है, जिससे यात्रियों को भारी नुकसान होता है।
सांसद ने उठाया कानून में बदलाव का सवाल
उन्होंने इस प्रणाली को “एक प्रकार की लूट” करार दिया और सवाल किया कि जब देश में अंग्रेजों के बनाए गए कई कानून बदले जा रहे हैं, तो विमानन नियम 1937 के तहत एयरलाइंस को दी गई यह स्वतंत्रता क्यों बरकरार है? उन्होंने सरकार से इस नियम में बदलाव कर यात्रियों के हित में कदम उठाने की मांग की।
सरकार का जवाब: ‘उड़ान’ योजना का हवाला
नागर विमानन मंत्री श्री नायडू ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ‘उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान)’ योजना के तहत सस्ती हवाई सेवाओं के लिए प्रयासरत है और इस योजना का उद्देश्य छोटे शहरों को एयरलाइंस नेटवर्क से जोड़ना है। अब तक 2.97 लाख से अधिक उड़ानें संचालित हुई हैं और 149 लाख से अधिक यात्री इससे लाभान्वित हुए हैं।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार भारतीय या विदेशी एयरलाइंस के किराए को नियंत्रित नहीं करती। किराया सीजन, त्यौहार, प्रतिस्पर्धा, विमान ईंधन की लागत और अन्य कारकों पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि एयरलाइंस डायनामिक प्राइसिंग सिस्टम पर काम करती हैं, जिसमें मांग और आपूर्ति के आधार पर टिकट की कीमत तय होती है।
एयरलाइंस पर नियंत्रण की जरूरत
सांसद रोत ने सरकार से मांग की कि यदि वह वास्तव में जनता के हित में काम कर रही है, तो उसे एयरलाइंस पर नियंत्रण रखना चाहिए ताकि आम नागरिकों को भी किफायती हवाई यात्रा की सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने विमान ईंधन पर लगने वाले कर (वेट) को कम किया है, जबकि कुछ राज्य अब भी ऊंचे कर वसूल रहे हैं, जिससे हवाई किराया महंगा हो रहा है।
यात्रियों की चिंता बनी हुई
हालांकि सरकार ने हवाई यात्रा को सस्ता बनाने के लिए ‘उड़ान’ योजना का हवाला दिया, लेकिन यात्रियों का कहना है कि किराए में भारी असमानता के कारण वे कई बार महंगे टिकट खरीदने के लिए मजबूर हो जाते हैं। सवाल यह है कि क्या सरकार वाकई में इस समस्या का समाधान निकालने के लिए तैयार है, या फिर एयरलाइंस को पूरी छूट जारी रहेगी?

