धरियावद प्रादेशिक वनखंड अधीनस्थ शनिवार को अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई करते हुए वन नाका आरामपुरा वन क्षेत्र में नाका स्टाफ एवं उडनदस्ता प्रतापगढ़ टीम के राजकीय वाहन साथ गस्त पर गए हुए थे कि नामी जगह काबरा मंगरा पर वन क्षेत्र से बजरी भरकर लाते हुए एक ट्रेक्टर दिखाई दिया जिसे स्टाफ ने रोकने हेतु आगे बढ़ा किन्तु वाहन चालक ने ट्रेक्टर को तेजी से स्टाफ की और दोड़ाया व स्टाफ को कुचलने की कोशिश करते हुए कच्चें रास्ते से दासगुड़ा की और निकला। स्टाफ ने भी राजकीय वाहन से ट्रेक्टर को पिछा करना शुरू किया। आगे जाकर ट्रेक्टर की ट्रोली दासगुड़ा पुलिया पर अनियंत्रित होकर पलट गई व बजरी मोके पर बिखर गई। वाहन चालक मोके से फरार हो गया। तभी स्टाफ मोके पर पहुंचा व सूचना क्षेत्रीय वन अधिकारी रामलाल भील को दी जिस पर अन्य नाको से तत्काल जाप्ता बुलाया गया व पुलिस जान्ते हेतु डीएसपी नानालाल सालवी को भी जानकारी दी गई। ट्रोली को जेसीबी की सहायता से खड़ा किया गया।
क्षेत्रीय वन अधिकारी रामलाल भील के निर्देश पर सहायक वनपाल पवन मेघवाल ने बताया कि घटना के पश्चात मोके पर सहायक वनपाल महेन्द्रसिंह चौहान व वनरक्षक गोविंद गवारिया ट्रेक्टर को जप्त कर वन विभाग कार्यालय धरियावद ला रहे थे कि थोड़ा आगे जाने के पश्चात अचानक 8 से 10 व्यक्ति ने ट्रेक्टर को रूकवाकर वनकर्मी पर हमला कर दिया। व्यक्तियों ने वनकर्मी के साथ मारपीट पर हाथापाई शुरू कर दी व वनरक्षक गोविंद गवारिया के कंधे पर लठ्ठ से वार किया तथा कपड़े फाड दिए व ट्रेक्टर की स्टेयरिंग पर बैठे महेन्द्रसिंह चौहान को घुसे मारे और वर्दी फाड दी। हाथापाई देख अन्य स्टाफ ट्रेक्टर की और दोड़ा तो सभी व्यक्ति गाली गलोच करते हुए व जान से मारने की धमकी देते हुए मोके से फरार हो गए। स्टाफ द्वारा उक्त व्यक्तियों में से तीन हमलावर की पहचान की गई जिसमें काबरा मंगरा निवासी रमेश मीणा, प्रवीण मीणा, धुलेश्वर मीणा होना सामने आया तथा अन्य साथी फरार हो गए। ट्रेक्टर को जप्त कर रेंज कार्यालय लाकर रखा गया व राजस्थान वन अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। साथ ही वनकर्मी स्टाफ पर हमले की रिपोर्ट पुलिस थाना धरियावद को दी गई। इस रदौरान उड़न दस्ता टीम प्रतापगढ़ व रेंज धरियावद के नाको का स्टाफ उपस्थित रहा।
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