24 News update उदयपुर. उदयपुर की सज्जनगढ़ सेंचुरी में चार दिन से धधक रही आग को आखिरकार देर रात बुझा लिया गया। प्रशासन और वन विभाग की संयुक्त टीम ने लगातार मेहनत कर आग पर काबू पाया। उदयपुर कलेक्टर नमित मेहता भी देर रात तक मौके पर मौजूद रहे और राहत कार्यों की निगरानी की। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि फिलहाल हेलीकॉप्टर बुलाने की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, सुबह कुछ स्थानों पर धुआं उठता दिखा, लेकिन अब आग पूरी तरह बुझ चुकी है।
चार दिन से जल रही थी सेंचुरी की पहाड़ियां
सज्जनगढ़ सेंचुरी की पहाड़ियों पर 4 मार्च की रात को शॉर्ट सर्किट के कारण आग लग गई थी, जो करीब 50 हेक्टेयर क्षेत्र में फैल गई। शुक्रवार शाम 7 बजे के बाद आग और भड़क गई और मानसून पैलेस जाने वाले रास्ते तक पहुंच गई। अंधेरा होने के बाद आग की लपटों ने पूरी पहाड़ी को लाल कर दिया था, जिससे पर्यावरण और वन्यजीवों को भारी नुकसान की आशंका जताई गई थी।
रातभर चला राहत कार्य, फायर ब्रिगेड और वन विभाग की टीमें जुटीं
कलेक्टर नमित मेहता रात 8 बजे प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और रात 11:30 बजे तक राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने फायर ब्रिगेड और वन विभाग की टीमों को निर्देश दिए कि रात में आग पर पूरी तरह काबू पाया जाए।
राहत कार्यों में डीएफओ सुनील कुमार सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी बाबूलाल चौधरी, अग्निशमन अधिकारी शिवराम मीणा और उनकी टीम शामिल रही। सभी ने टॉर्च और मोबाइल की रोशनी के सहारे जंगल में उतरकर आग बुझाने का प्रयास किया।
14 दमकल और 60 फीट गहरी खाई में उतरे कर्मचारी
आग बुझाने के लिए उदयपुर से 14 दमकल, नाथद्वारा और चित्तौड़गढ़ से एक-एक दमकल मंगाई गई। आग इतनी विकराल थी कि 60 फीट गहरी खाई में 10 कर्मचारियों को उतारा गया।
मौके पर तैनात फायर ब्रिगेड, हेलीकॉप्टर की जरूरत नहीं
मुख्य अग्निशमन अधिकारी बाबूलाल चौधरी ने बताया कि टीम पूरी तरह अलर्ट है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अग्निशमन अधिकारी शिवराम मीणा ने कहा कि सज्जनगढ़ मानसून पैलेस के टॉप और तलहटी के बीच टी-पॉइंट पर दमकल खड़ी की गई है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके।
कलेक्टर नमित मेहता ने कहा,
“टीम ने शानदार कार्य किया। यदि जरूरत पड़ती, तो हेलीकॉप्टर भी मंगवा लेते, लेकिन फिलहाल इसकी आवश्यकता नहीं थी। सामूहिक प्रयासों से आग पर काबू पाया गया और प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।”
अब स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन प्रशासन किसी भी संभावित खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद है।

