कविता पारख
24 News Update निम्बाहेडा । हाल ही संशोधित वक्फ कानून पास होने के बाद संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, के विरोध में विश्व हिन्दू परिशद बजरंग दल के नेतृत्व में सर्व हिन्दू समाज ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन उपखण्ड कार्यालय में तहसीलदार को सोंपा ज्ञापन में बताया गया कि संशोधित वक्फ कानून पास होने के बाद संपूर्ण बंगाल को जिस प्रकार हिंसा की आग में जलाया जा रहा है, हिंदूओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, बहन बेटीयों की इज्जत लुटी जा रही है । राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को निर्बाध रूप से अपने षडयंत्रों को क्रियान्वित करने की खुली छूट के चलते बंगाल की स्थिति अत्यधिक चिंताजनक है। मुर्शिदाबाद से प्रारम्भ हुई यह भीषण हिंसा अब संपूर्ण बंगाल में फैलती हुई दिखाई दे रही है। शासकीय तंत्र दंगाइयों के सामने केवल निष्क्रिय ही नहीं अपितु कई स्थानों पर इनका सहायक या प्रेरक बन गया है। इससे पहले कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाए, केंद्र सरकार को प्रशासन का नियंत्रण व संचालन अपने हाथ में लेकर राष्ट्र विरोधी व हिंदू विरोधी तत्वों को उनके कुकर्मों के लिए कठोरता सजा दिलवानी चाहिए। ज्ञापन में बताया कि मुस्लिम भीड़ द्वारा 11 अप्रैल को वक्फ कानून के विरोध के नाम पर किया गया हिंसक प्रदर्शन कानून बनाने वाली सरकार के विरोध में नहीं अपितु हिंदुओं पर हिंसक आक्रमण के रूप में था जबकि हिंदू समाज का इस कानून के निर्माण में कोई भूमिका नहीं थी और यह एक शुद्ध संवैधानिक प्रक्रिया थी। इसका स्पष्ट अर्थ है कि वक्फ तो केवल बहाना था, असली उद्देश्य मुर्शिदाबाद को हिंदू शून्य बनाना था। इस उन्मादी जिहादी भीड़ ने हिंदुओं के 200 से अधिक घरों और व्यावसायिक दुकानों को लूटकर जलाया, सैकड़ो हिंदुओं को बुरी तरह घायल किया व तीन नागरिकों की निर्मम हत्या की गई वहीं दर्जनों महिलाओं के शीलभंग भी किए गए, परिणाम स्वरूप 500 से अधिक हिंदू परिवारों को मुर्शिदाबाद से पलायन करना पड़ा, जानकारी अनुसार ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामो से मिल रही है जिनमें से एक इमाम ने एक दिन पहले ही धमकी दी थी कि ‘‘अगर ममता बनर्जी ने उनका साथ नहीं दिया तो वह उसकी औकात बता देंगे। इससे यह बात स्पष्ट हो जाती है कि ममता बनर्जी अब शरणार्थियों को सुविधा देने की जगह उनको वापस जेहादियों के सामने जबरन परोसने का षड्यंत्र कर रही है। वर्तमान पश्चिम बंगाल की स्थिति से यह स्पष्ट है कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को बंगाल में ध्वस्त कर अपनी सरकार और वोट बैंक को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकती है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में आ चुकी है। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों को निर्बाध रूप से आने दिया जा रहा है, उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं, पाकिस्तानी तथा बांग्लादेशी आतंकी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है। वही हिंदुओं के प्रति हिंसा बढ़ती जा रही है ओर तो ओर उनको सुरक्षा देने वाले अर्धसैनिक बलों को भी निशाना बनाया जाता है। पश्चिम बंगाल में हिंदू का अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है। मुर्शिदाबाद से चली हिंसा संपूर्ण बंगाल में फैलती जा रही है, अब यह बंगाल तक भी सीमित नहीं रहेगी। इसलिए ज्ञापन के जरिये देश की जनता मांग करती है कि। बंगाल में अविलंब राष्ट्रपति शासन लगाया जाए, हिंसा की जांच सीबीआई के द्वारा करवाई जाए और दोषियों को अविलंब दंडित किया जाए। बंगाल की कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों के हाथों में दिया जाए। बांग्लादेशी व रोहिंग्या घुसपैठियों की पहचान कर उनको निष्कासित किया जाए। बंगाल व बांग्लादेश की 450 किलोमीटर की सीमा पर तार लगाने का काम अविलंब प्रारंभ किया जाए जिसे ममता बनर्जी ने रोका हुआ था। ज्ञापन से पूर्व सेंकडो की तादाद में सर्व हिन्दू समाज के लोग सब्जी मण्डी स्थित हनुमान मन्दिर पर एकत्र हुऐ जहां से सभी कतार बद्व हाथो में तख्तीयां लिये वाहन रेली के रूप में मोती बाजार, विजय चौक, चन्दन चौक ,षेखावत सर्कल, होते हुऐ उपखण्ड कार्यालय पहूंचे जहां सभी ने एक स्वर में विरोध प्रकट किया तत्पश्चात विश्व हिन्दू परिषद के विभाग मन्त्री मानवेन्द्र सिंह चौहान ने बंगाल में घटीत हो रही की घटना का विस्त्रत वर्णन प्रस्तुत किया जिला मन्त्री भरत पालिवाल ने ज्ञापन का वाचन किया अंत में आभार नगर मन्त्री रजनीश गोठवाल ने प्रकट किया।

