24 News Update उदयपुर। स्मार्ट मीटर लगाने और बिजली क्षेत्र के निजीकरण के खिलाफ रविवार को उदयपुर में वामपंथी दलों और सामाजिक संगठनों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। माछला मंगरा स्थित शिराली भवन में हुई इस बैठक में वक्ताओं ने आरोप लगाया कि देश के बड़े उद्योगपति और सत्ताधारी वर्ग बिजली चोरी कर बिजली कंपनियों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, और इस नुकसान की भरपाई आम जनता से स्मार्ट मीटर के नाम पर वसूली करके की जा रही है।
बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ मार्क्सवादी नेता रामचंद्र शर्मा ने की। इस दौरान भाकपा (माले) के राज्य सचिव शंकर लाल चौधरी ने कहा कि सरकार बिजली कंपनियों की खामियों का बोझ जनता पर डाल रही है। “यह तो वही बात हुई कि बीमारी कैंसर की है और इलाज मलेरिया का किया जा रहा है। स्मार्ट मीटर लगाकर आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ाया जा रहा है,” उन्होंने कहा चौधरी ने आरोप लगाया कि सरकार सार्वजनिक क्षेत्र को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, जिससे जनता को लूटने का रास्ता साफ होगा।
“जनता को गुमराह कर रही सरकार”
एमसीपीआई (यू) की केंद्रीय समिति सदस्य लीला शर्मा ने कहा कि स्मार्ट मीटर केंद्र सरकार की योजना है, जिसके खिलाफ देशभर में आंदोलन चल रहे हैं। “उदयपुर के नागरिक भी इस योजना का विरोध कर इसे रोकने में अपनी भूमिका निभाएं। सरकार भ्रम फैलाकर जनता को गुमराह कर रही है,”
उन्होंने कहा। माकपा जिला सचिव और पूर्व पार्षद राजेश सिंघवी ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों को विलासिता की वस्तु मान रही है।
“कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में स्मार्ट मीटर योजना को मंजूरी देकर जनता से धोखा किया। अब बीजेपी इसे लागू कर रही है,”
उन्होंने कहा। आप पार्टी जिलाध्यक्ष निर्भय सिंह राठौड़ ने कहा कि विकास के नाम पर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है। “मोदी एक तरफ विकसित भारत की बात करते हैं, दूसरी तरफ जनता को अंधेरे में रखने की नीति लागू कर रहे हैं,” उन्होंने टिप्पणी की।
27 अक्टूबर को विशाल रैली
माकपा शहर सचिव हीरालाल सालवी ने बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले में स्मार्ट मीटर विरोधी अभियान चलाया जाएगा।
आम जनता के बीच हस्ताक्षर अभियान
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बैठक में सामाजिक कार्यकर्ता रूपलाल मेनारिया, गुमान सिंह राव, राजेंद्र वसीटा, शमशेर खान, अमजद शेख, साबिरा अतरवाला, रानी माली, फिरदोष, प्यारेलाल शर्मा, रघुनाथ सिंह सहित अनेक लोग मौजूद रहे। नेताओं ने सभी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों और जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे इस अभियान से जुड़कर सरकार को स्मार्ट मीटर योजना वापस लेने के लिए मजबूर करें।
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