24 News Update उदयपुर। जिले के वल्लभनगर क्षेत्र स्थित रूपावली गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय की दीवार रविवार सुबह भरभराकर गिर गई। सौभाग्य से रविवार को अवकाश होने से स्कूल परिसर में कोई छात्र मौजूद नहीं था, अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इस विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक करीब 90 छात्र अध्ययनरत हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय भवन की जर्जर स्थिति को लेकर वे कई बार स्कूल स्टाफ और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को अवगत करा चुके हैं। यहां तक कि विरोध स्वरूप धरना-प्रदर्शन भी किए गए, मगर विभाग की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया।
छत के नीचे रोज होती थी कक्षा, बारिश बनी कारण
गिरने वाली दीवार स्कूल के बरामदे की थी, जिसके नीचे प्रतिदिन बच्चों की कक्षाएं संचालित होती थीं। ग्रामीणों के अनुसार यह छत बीते कई वर्षों से जर्जर अवस्था में थी और बरसात के दौरान पानी टपकता था। शनिवार रात हुई बारिश के बाद रविवार सुबह यह दीवार और छत का हिस्सा ढह गया।
हेडमास्टर बोले— पहले ही दी थी सूचना
विद्यालय के प्रधानाध्यापक फतह सिंह झाला ने बताया कि भवन की खस्ताहाल स्थिति की जानकारी पहले ही विभाग को दी जा चुकी थी। विभाग से मरम्मत के लिए राशि स्वीकृत हो गई है और संभावना है कि बरसात के बाद कार्य शुरू किया जाएगा। यह भवन वर्ष 1984 में निर्मित हुआ था, जिसकी छत आरसीसी नहीं, बल्कि पट्टी से बनी है।
झालावाड़ हादसे की दिल दहला देने वाली याद ताजा
यह घटना हाल ही में झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में हुए उस दर्दनाक हादसे की याद दिलाती है, जहां सरकारी स्कूल की छत गिरने से 7 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। उस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया था, बावजूद इसके कई जर्जर स्कूल भवन अब भी खतरे की स्थिति में हैं।
प्रशासनिक उदासीनता पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की लापरवाही और जर्जर स्कूल भवनों की अनदेखी को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द स्कूल की मरम्मत कराई जाए और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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