जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा, जानिए त्याग पत्र में क्या लिखा
स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा, संसद सत्र के बीच पद छोड़ने वाले पहले उपराष्ट्रपति बने धनखड़
24 News update नई दिल्ली। देश के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (a) के तहत स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरी सलाह का हवाला देते हुए यह निर्णय लिया। यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है। वे ऐसे पहले उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने संसद सत्र के बीच पद से इस्तीफा दिया है।
त्याग पत्र में धनखड़ ने क्या लिखा?
धनखड़ ने अपने इस्तीफे में बेहद भावनात्मक शब्दों का प्रयोग करते हुए लिखा:
“माननीय राष्ट्रपति जी, सेहत को प्राथमिकता देने और डॉक्टर की सलाह को मानने के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार अपने पद से इस्तीफा देता हूं। मैं भारत के राष्ट्रपति में गहरी कृतज्ञता प्रकट करता हूं। आपका समर्थन अडिग रहा, जिनके साथ मेरा कार्यकाल शांतिपूर्ण और बेहतरीन रहा। मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रति भी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है।
माननीय सांसदों से मुझे जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला है, वह मेरी स्मृति में हमेशा रहेगा। मुझे इस बात का गर्व है कि इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में जो अनुभव और ज्ञान मिला, वह अत्यंत मूल्यवान रहा। भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और इस परिवर्तनकारी युग में उसकी गति को देखना और उसमें भागीदार बनना मेरे लिए सौभाग्य और संतोष की बात रही है। आज जब मैं इस पद को छोड़ रहा हूं, मेरे दिल में भारत की उपलब्धियों और भविष्य को लेकर गर्व और अटूट विश्वास है। गहरी श्रद्धा और आभार के साथ — जगदीप धनखड़”
सेहत बनी कारण: हाल ही में दो बार आई तबीयत बिगड़ने की खबरें
धनखड़ की तबीयत पिछले कुछ समय से खराब चल रही थी:
- 25 जून 2025 को उत्तराखंड के नैनीताल में एक कार्यक्रम के बाद उन्हें अचानक सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। उन्हें तुरंत राजभवन ले जाया गया और डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया।
- इससे पहले 9 मार्च 2025 को भी उन्हें सीने में दर्द के बाद AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें 12 मार्च को छुट्टी मिली थी।
धनखड़ 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुने गए थे। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराकर यह पद संभाला था। उन्हें 528 वोट मिले थे जबकि अल्वा को 182। उपराष्ट्रपति के तौर पर वे राज्यसभा के पदेन सभापति भी थे और उच्च सदन की कार्यवाही का संचालन करते थे।
भारत के उपराष्ट्रपति
| क्रम | नाम | कार्यकाल की शुरुआत | कार्यकाल का अंत | आगे क्या हुआ |
|---|---|---|---|---|
| 1. | सर्वपल्ली राधाकृष्णन | 13 मई 1952 | 14 मई 1957 | राष्ट्रपति बने |
| 2. | डॉ. जाकिर हुसैन | 13 मई 1962 | 12 मई 1967 | राष्ट्रपति बने |
| 3. | वी. वी. गिरी | 13 मई 1967 | 3 मई 1969 | राष्ट्रपति बने |
| 4. | गोपाल स्वरूप पाठक | 31 अगस्त 1969 | 30 अगस्त 1974 | — |
| 5. | बी. डी. जत्ती | 31 अगस्त 1974 | 30 अगस्त 1979 | — |
| 6. | मोहम्मद हिदायतुल्ला | 31 अगस्त 1979 | 30 अगस्त 1984 | — |
| 7. | रामस्वामी वेंकटरमण | 31 अगस्त 1984 | 27 जुलाई 1987 | राष्ट्रपति बने |
| 8. | शंकर दयाल शर्मा | 3 सितम्बर 1987 | 24 जुलाई 1992 | राष्ट्रपति बने |
| 9. | के. आर. नारायणन | 21 अगस्त 1992 | 24 जुलाई 1997 | राष्ट्रपति बने |
| 10. | कृष्ण कान्त | 21 अगस्त 1997 | 27 जुलाई 2002 | पद पर रहते हुए निधन |
| 11. | भैरों सिंह शेखावत | 19 अगस्त 2002 | 21 जुलाई 2007 | राष्ट्रपति चुनाव हारे |
| 12. | मोहम्मद हामिद अंसारी | 11 अगस्त 2007 | 19 जुलाई 2017 | — |
| 13. | एम. वेंकैया नायडू | 8 अगस्त 2017 | 10 अगस्त 2022 | — |
| 14. | जगदीप धनखड़ | 11 अगस्त 2022 | 21 जुलाई 2025 | स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा |
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल और संसद में भूमिका
अब उनके इस्तीफे के बाद, जब तक नया उपराष्ट्रपति नियुक्त नहीं हो जाता, अनुच्छेद 91 के तहत राज्यसभा की कार्यवाही उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह द्वारा संचालित की जाएगी। हालांकि, उनका कार्यकाल भी इसी महीने समाप्त हो रहा है।
🏛️ जगदीप धनखड़ का राजनीतिक जीवन
| वर्ष | भूमिका |
|---|---|
| 1989 | झुंझुनू से जनता दल के लोकसभा सांसद चुने गए |
| 1990–1991 | केंद्र की चंद्रशेखर सरकार में राज्य मंत्री रहे |
| 1991 | कांग्रेस से जुड़े; अजमेर से लोकसभा चुनाव हार गए |
| 1993–1998 | राजस्थान के किशनगढ़ से विधायक रहे |
| 2003 | भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए |
| 2008 | विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की प्रचार समिति के सदस्य रहे |
| 2016 | भाजपा के विधि एवं कानूनी मामलों के विभाग का नेतृत्व किया |
| 2019 | पश्चिम बंगाल के राज्यपाल नियुक्त किए गए |
| 11 अगस्त 2022 | भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली |
साधारण किसान परिवार से सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का सफर
- जन्म: 18 मई 1951, झुंझुनू, राजस्थान के एक किसान परिवार में
- शिक्षा: सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़, फिर राजस्थान यूनिवर्सिटी से स्नातक और LLB
- राजनीति और कानून: जयपुर में वकालत शुरू की, 1989-91 में लोकसभा सांसद रहे, चंद्रशेखर सरकार में मंत्री
- बंगाल के राज्यपाल: 30 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल के 28वें राज्यपाल बने
- उपराष्ट्रपति: 2022 में 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला

