विद्यापीठ में बनेगा संविधान कक्ष और संविधान पार्क
24 News Update उदयपुर। भारतीय संविधान दिवस के अवसर पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय द्वारा बुधवार को प्रतापनगर स्थित कुलपति सचिवालय सभागार में “संविधान जानो” विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि भारतीय संविधान सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और आधुनिक भारत के निर्माण की नींव है।
उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे लंबे हस्तलिखित संविधान के संरक्षक हैं, जो 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन में तैयार हुआ। इसकी मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा द्वारा हाथ से लिखी गई थी। संविधान की मूल संरचना में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियाँ थीं, जो संशोधनों के बाद बढ़कर आज 448 अनुच्छेद, 25 भाग और 12 अनुसूचियाँ हो चुकी हैं।
प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि संविधान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को उनके मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सजग करना है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 125वें जयंती वर्ष (2015) से पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है।
उन्होंने घोषणा की कि नए वर्ष में विद्यापीठ में भव्य “संविधान कक्ष” और “संविधान पार्क” का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों और समाज को संविधान का प्रत्यक्ष अध्ययन व अनुभव मिल सके।
प्रो. सारंगदेवोत ने कहा— “संविधान किसी भी देश की रीढ़ होता है। यह हमें स्वतंत्र भारत के नागरिक होने का अहसास दिलाता है और बताता है कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन भी उतना ही आवश्यक है।” संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति कुलप्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने कहा कि संविधान की शिक्षा का आधार विद्यालय स्तर से ही मजबूत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आमजन तभी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर पाएंगे, जब उन्हें संविधान की मूल बातें समझ में आएंगी।
कार्यक्रम का संचालन एवं उपस्थिति
कार्यक्रम का संचालन और आभार अधिष्ठाता प्रो. सरोज गर्ग ने व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रो. जीवन सिंह खरकवाल, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, डॉ. एसबी नागर, डॉ. हीना खान, डॉ. नीरू राठौड़, डॉ. विवेक भटनागर, डॉ. दिनेश श्रीमाली, डॉ. शिल्पा कंठालिया, डॉ. आशीष नंदवाना, डॉ. कुलशेखर व्यास, डॉ. सपना श्रीमाली, डॉ. मोहसीन सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

