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“सुदामा चरित्र” कथा की पूर्णाहुति जयकारों व श्रद्धा के साथ संपन्न

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संगीतमय भागवत कथा के अंतिम दिन हुआ भव्य सम्मान समारोह

24 News update उदयपुर। महर्षि गौतम भवन, सेक्टर 4 में चल रही श्री पुष्कर दास जी महाराज की संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति शनिवार को भव्य श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे पूरा प्रांगण जयकारों और भक्ति भाव से गूंज उठा।

सप्ताह भर चली कथा के अंतिम दिन श्री पुष्कर दास महाराज ने अपने प्रवचन में कहा, “हम कोई भी सत्कर्म करें, पूजा-पाठ करें, लेकिन जब तक सत्संग में नहीं बैठेंगे, तब तक सत्कर्म की विधि और उसकी सार्थकता का बोध नहीं होगा। जहां भक्ति होती है, वहां ईश्वर स्वयं पीछे-पीछे आता है।”

उन्होंने राम और कृष्ण के जीवन संघर्षों की चर्चा करते हुए कहा कि “रामायण में राम और भरत का जैसा प्रेम था, वैसा ही प्रेम घर-घर में होना चाहिए। कृष्ण और सुदामा की मित्रता अद्भुत थी। सुदामा ने भगवान से मिलने के लिए द्वारका की यात्रा की, और भगवान स्वयं मित्र के चरण धोने दौड़े चले आए।” कथा के दौरान सुदामा चरित्र को भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया गया। सुदामा की पत्नी सुशीला के त्याग और सुदामा की गरीबी में संतोष को महाराज ने आदर्श रूप में प्रस्तुत किया। इसके साथ ही कृष्ण, रुक्मिणी और सुदामा की भव्य झांकी का मंचन किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए।

पूर्णाहुति के अवसर पर गुर्जर गौड़ परिवार की ओर से व्यासपीठ पर श्री पुष्कर दास जी महाराज का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के संयोजक अतुल शर्मा ने सभी श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “यह आयोजन समाज में भक्ति, प्रेम और नैतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना का माध्यम बना है।”

कार्यक्रम के समापन पर महाआरती का आयोजन हुआ, जिसमें उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पूरा प्रांगण “जय श्रीराम”, “हरे कृष्णा”, और “सुदामा चरित्र अमर रहे” जैसे जयघोषों से गूंज उठा।

इस अवसर पर पूर्व विधायक भाजपा के वरिष्ठ नेता धर्मनारायण जोशी, विजय विप्लवी, रविन्द्र श्रीमाली, गोपाल कनेरिया, शांति लाल चौबीसा, शरद आचार्य, मनोहर सिंह राठौड़, और डॉ. भावना शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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