24 News Update उदयपुर। विद्या भवन रूरल इंस्टीट्यूट के हिन्दी विभाग द्वारा मंगलवार को हिन्दी सप्ताह का समापन समारोह एवं साहित्य सरोवर साहित्यिक मंच के प्रतीक चिह्न और उद्घोषक वाक्य का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं मंच की परामर्शदाता डॉ. सरस्वती जोशी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए मंच की स्थापना और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रो. गायत्री तिवारी (सेवानिवृत्त आचार्य, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) ने कहा कि “हिन्दी भारत माँ के भाल की बिंदी है। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन उसकी कीमत पर अपनी माँ हिन्दी को नहीं भूल सकते। किसी भी देश की पहचान उसके साहित्य से होती है, इसलिए हिन्दी बोलने में हमें संकोच नहीं करना चाहिए।”
मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं अध्यक्ष, अखिल भारतीय साहित्य परिषद (उदयपुर इकाई) श्रीमती आशा पाण्डेय ओझा ने कहा कि “भाषा के बिना मनुष्य उस गूंगे की तरह है, जो अपना परिचय नहीं दे सकता। साहित्य व्यक्ति को भावनात्मक रूप से ऊँचा उठाता है और उसे तनाव से मुक्त करता है।” विशिष्ट अतिथि राजस्थान साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने अपने संबोधन में कहा कि “जब तक साहित्य और हिन्दी हैं, तब तक मानव जीवन जीवंत है। लिखने-पढ़ने से न केवल शब्दकोश का विस्तार होता है, बल्कि मस्तिष्क का विकास भी होता है।”
मंच पदाधिकारियों को शपथ व प्रतियोगिता विजेताओं को पुरस्कार
समारोह में साहित्यिक मंच के पदाधिकारियों — अध्यक्ष जगदीश मेघवाल, उपाध्यक्ष पूरब सोनी, सचिव सुरेश मेघवाल और साहित्य मंत्री आँचल डांगी — को शपथ दिलाई गई। साथ ही मंच का प्रतीक चिह्न एवं उद्घोषक वाक्य “रचना की हर बूंद साहित्य सरोवर में अमृत” का लोकार्पण किया गया।
हिन्दी सप्ताह के दौरान आयोजित प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया।
श्रुतिलेख प्रतियोगिता: जगदीश मेघवाल (प्रथम), अर्जुन लाल (द्वितीय), कृष्णकान्त (तृतीय)
हिन्दी सामान्य ज्ञान: ममता गमेती (प्रथम), गौतम मेघवाल (द्वितीय), चुन्नीलाल गमेती (तृतीय)
आशु भाषण: पूरब सोनी (प्रथम), पृथ्वीराज (द्वितीय), महिपाल सिंह (तृतीय)
कविता पाठ: नवीन सेन (प्रथम), सीमा चौहान (द्वितीय), आँचल डांगी (तृतीय)
निबंध प्रतियोगिता: सुरेश मेघवाल (प्रथम), पायल मेघवाल (द्वितीय), जितेन्द्र सिंह देवड़ा (तृतीय)
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अर्चना जैन (पूर्व संकायाध्यक्ष, कला संकाय) ने की। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रतन सुथार (विभागाध्यक्ष, लोक प्रशासन) ने प्रस्तुत किया। मंच संचालन डॉ. मनोज राजगुरु ने किया। यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से डॉ. सरस्वती जोशी ने दी।
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