24 News update जोधपुर, राजस्थान —
राजस्थान पुलिस की सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती 2021 अब इतिहास में केवल एक प्रतियोगी परीक्षा नहीं रही। यह एक ऐसा केस बन गई है, जिसने ईमानदार मेहनत और सिस्टम की पारदर्शिता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। 15 लाख रुपये में नकली कैंडिडेट, फर्जीवाड़े से परीक्षा पास, और पुलिस की चक्रव्यूह जैसी पकड़ — यह पूरी कहानी सच्चाई से कहीं ज्यादा फिल्मी है।
🧩 शुरुआत: एक असफल छात्रा, जो बन गई मास्टर माइंड
इस फर्जीवाड़े की नायिका है इंद्रा (27), निवासी बढ़ानिया, जालोर, जो खुद एक महत्वाकांक्षी प्रतियोगी थी। उसने 2018 में SI भर्ती परीक्षा में इंटरव्यू तक पहुंचा, लेकिन असफल रही। उसने RAS जैसी कठिन परीक्षाएं भी दीं, लेकिन सफलता नहीं मिली। समय के साथ इंद्रा ने समझा — पढ़ाई से नहीं, ‘जुगाड़’ से सिस्टम को हराया जा सकता है।
📚 लाइब्रेरी में हुई मुलाकात, यहीं से फूटा फर्जीवाड़े का बीज
एक दिन इंद्रा की मुलाकात एक लड़की हरखू जाट से हुई, एक लाइब्रेरी में। हरखू पढ़ने में कमजोर थी, लेकिन SI बनने का सपना पाले हुए थी। वहीं इंद्रा पढ़ाई में बेहतर थी लेकिन किस्मत ने उसका साथ नहीं दिया था। दोनों की ज़रूरतें एक-दूसरे से मिलती थीं — और यहीं से जन्म हुआ फर्जीवाड़े के प्लान का।
💰 15 लाख की डील और नकली परीक्षा
हरखू ने इंद्रा को अपनी जगह परीक्षा देने का प्रस्ताव दिया और इसके लिए 15 लाख रुपये की पेशकश की। डील तय हो गई। परीक्षा के दिन इंद्रा बनी डमी कैंडिडेट — हरखू के नाम पर परीक्षा दी और उसे पास भी करवा दिया।
इसके बाद हरखू प्लाटून कमांडर के पद पर अंतिम रूप से चयनित हो गई।
लेकिन twist यहीं खत्म नहीं होता।

🧠 पति की एंट्री: पैसों के लालच में और गहराया खेल
इंद्रा के पति नरपत राम (29) को जब यह जानकारी मिली कि उसकी पत्नी ने हरखू को पास कराने के लिए परीक्षा दी और 15 लाख लिए — तो वह भी योजना में शामिल हो गया। नरपत ने इस पैसों का इस्तेमाल इंद्रा के इंटरव्यू में सफलता दिलवाने के लिए किसी बिचौलिए से संपर्क किया।
यानि जो पैसा धोखाधड़ी से आया, उसी से इंद्रा अपने लिए ‘इंटरव्यू क्लियर कराने’ की सेटिंग कर रही थी।
🔍 फिर गिरी गाज: SOG ने खोली परतें
पूरे मामले की असल शुरुआत तब हुई, जब फर्जीवाड़े से पास हुई हरखू जाट SOG की गिरफ्त में आई। पूछताछ में उसने इंद्रा का नाम लिया, और पूरा खेल उजागर हो गया।
SOG ने इस केस को जोधपुर रेंज को सौंपा, और फिर बन गई स्पेशल टीम्स, जो इंद्रा और नरपत को तलाशने में जुट गईं।
🚨 प्लान: एक जोधपुर में, एक गोवा में
पुलिस को खबर मिली कि नरपत गोवा में वाइन शॉप में सेल्समैन की नौकरी कर रहा है, जबकि इंद्रा जोधपुर के खेमे का कुआं इलाके में छिपकर रह रही है और लगातार अपने पति से संपर्क में है।
एक टीम ने गोवा में नरपत पर नजर रखनी शुरू की, वहीं दूसरी टीम इंद्रा के पीछे लगी रही।
🔒 गिरफ्तारी का रोमांच
गोवा में जब पुलिस वाइन शॉप पहुंची, तो सफेद शर्ट में खड़ा नरपत अपनी धुन में ग्राहकों को सामान दे रहा था। जैसे ही पुलिस ने अपनी पहचान बताई — उसके होश उड़ गए। वहीं दूसरी ओर जोधपुर में जब इंद्रा को पति की गिरफ्तारी की खबर मिली, तो वो भागने की तैयारी में लग गई। पुलिस जब पहुंची, तो वो अपना सामान पैक कर रही थी।
लेकिन देर हो चुकी थी।
🧷 फुल सर्कल: अब दोनों गिरफ्त में
इंद्रा और नरपत दोनों को गिरफ्तार कर SOG के हवाले कर दिया गया है। पुलिस की माने तो यह मामला फर्जीवाड़े की एक बड़ी श्रृंखला का सिरा हो सकता है, जिसकी तह तक जांच की जा रही है।
❓ अब सवाल ये है…
- क्या हरखू की तरह और भी चयनित उम्मीदवार फर्जीवाड़े से पास हुए हैं?
- क्या इंटरव्यू और नियुक्ति स्तर तक ‘सेटिंग’ संभव थी?
- और क्या इंद्रा-नरपत की तरह कई ‘डमी कैंडिडेट सिंडिकेट’ राज्यभर में सक्रिय हैं?
📌 राजस्थान की यह भर्ती परीक्षा अब सिर्फ योग्यता की कसौटी नहीं रही — यह अब उस समाज का आईना है, जहां सफलता का शॉर्टकट पाने के लिए लोग किसी भी हद तक जा सकते हैं। और जब तक ऐसे इंद्रा और नरपत सिस्टम में मौजूद रहेंगे, मेहनतकश युवाओं के सपनों पर बार-बार डाका पड़ता रहेगा।
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