24 News update अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद मानव शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन दशकों से वैज्ञानिकों के लिए एक शोध का विषय रहा है। भारहीनता (Microgravity) में महीनों बिताने के बाद, जब कोई अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में लौटता है, तो उसका शरीर तुरंत इस माहौल के अनुकूल नहीं हो पाता। सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद भी वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की टीम उनके शरीर पर पड़ने वाले प्रभावों की निगरानी कर रही है।
शरीर के सामान्य होने में कितना समय लगेगा?
विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, शरीर को पूरी तरह सामान्य स्थिति में लौटने में 6 से 8 सप्ताह का समय लगता है। यह प्रक्रिया धीरे-धीरे होती है और कई चरणों में बंटी होती है।
1. पहले दो सप्ताह: सबसे कठिन चरण
- गुरुत्वाकर्षण के प्रति अनुकूलन – अंतरिक्ष में शरीर महीनों तक भारहीनता में रहता है। पृथ्वी पर लौटने के बाद, शरीर को दोबारा गुरुत्वाकर्षण बल को सहन करने की क्षमता विकसित करनी पड़ती है।
- संतुलन और चक्कर की समस्या – वेस्टिबुलर सिस्टम (आंतरिक कान में स्थित संतुलन प्रणाली) पर भारहीनता का असर पड़ता है, जिससे व्यक्ति को चलने में असंतुलन महसूस होता है।
- मांसपेशियों की कमजोरी – अंतरिक्ष में ग्रेविटी न होने के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और वापसी के बाद चलने-फिरने में कठिनाई होती है।
- विशेष व्यायाम कार्यक्रम – इस दौरान NASA और मेडिकल टीम स्पेसफ्लाइट रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम (SRP) के तहत सुनीता को विशेष व्यायाम कराएगी, जिसमें मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने और संतुलन सुधारने पर जोर दिया जाएगा।

2. तीसरे से चौथे सप्ताह: हड्डियों और दृष्टि की रिकवरी
- हड्डियों की घनत्व (Bone Density) में सुधार – माइक्रोग्रैविटी के कारण हड्डियों का कैल्शियम कम हो जाता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। इस दौरान फिजियोथेरेपी और पोषण (विशेष रूप से कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट) से हड्डियों को पुनः मजबूत किया जाता है।
- रक्त संचार प्रणाली में बदलाव – अंतरिक्ष में शरीर का अधिकांश रक्त सिर और ऊपरी धड़ की ओर बढ़ जाता है, जिससे लौटने के बाद रक्तचाप में अस्थायी असंतुलन हो सकता है। तीसरे-चौथे हफ्ते तक यह सामान्य हो जाता है।
- दृष्टि सुधार प्रक्रिया – अंतरिक्ष में आंखों की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे कई अंतरिक्ष यात्रियों को दृष्टि से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इस दौरान दृष्टि की नियमित जांच और उपचार किया जाता है।
3. छठे से आठवें सप्ताह: सामान्य जीवन में वापसी
- इस चरण में सुनीता की शारीरिक फिटनेस लगभग पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।
- हड्डियों और मांसपेशियों की ताकत अंतरिक्ष से पहले जैसी हो जाएगी।
- रक्त संचार, संतुलन और दृष्टि लगभग पूरी तरह सामान्य हो जाएंगे।
- वह धीरे-धीरे अपनी दैनिक गतिविधियों और अंतरिक्ष अनुसंधान से जुड़े कार्यों में वापसी कर पाएंगी।
सुनीता विलियम्स की वापसी: मिशन का घटनाक्रम
| तारीख | घटना |
|---|---|
| 15 नवंबर 2024 | सुनीता विलियम्स ने NASA और SpaceX के संयुक्त मिशन के तहत ISS के लिए उड़ान भरी। |
| 17 नवंबर 2024 | स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन कैप्सूल ने सफलतापूर्वक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से डॉक किया। |
| 20 नवंबर 2024 – 10 मार्च 2025 | 110 दिनों तक सुनीता ISS पर वैज्ञानिक अनुसंधान में शामिल रहीं। |
| 12 मार्च 2025 | पृथ्वी पर लौटने की प्रक्रिया शुरू हुई। |
| 15 मार्च 2025 | स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल प्रशांत महासागर में सफलतापूर्वक लैंड हुआ। |
| 16 मार्च 2025 | मेडिकल परीक्षण और पुनर्वास प्रक्रिया शुरू हुई। |

वैश्विक प्रतिक्रियाएं
| देश/संस्था | प्रतिक्रिया |
|---|---|
| NASA | “सुनीता की वापसी ऐतिहासिक क्षण है। यह मिशन भविष्य की अंतरिक्ष यात्राओं को नई दिशा देगा।” |
| स्पेसएक्स (SpaceX) | “हमारी टीम ने सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की। यह तकनीकी सफलता की मिसाल है।” |
| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) | “सुनीता विलियम्स भारतीय मूल की महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं। उनकी सफलता गौरवशाली है।” |
| अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन | “सुनीता, तुम हमारी नायिका हो! तुम्हारी हिम्मत और विज्ञान के प्रति समर्पण प्रशंसनीय है।” |
| भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी | “भारत तुम्हारी उपलब्धि पर गर्व करता है। यह नारीशक्ति की असली मिसाल है।” |
निष्कर्ष
सुनीता विलियम्स की यह अंतरिक्ष यात्रा न केवल विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी, बल्कि मानव शरीर के अंतरिक्ष में अनुकूलन और पुनर्वास के लिए भी एक अध्ययन का विषय बनी।
उनकी वापसी के बाद उनके स्वास्थ्य की सतत निगरानी की जा रही है, और विशेषज्ञों के अनुसार, कुछ हफ्तों में वे पूरी तरह सामान्य स्थिति में आ जाएंगी। इस मिशन से भविष्य में मंगल और चंद्रमा जैसी गहरी अंतरिक्ष यात्राओं के लिए भी महत्वपूर्ण सीख मिलेगी।
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