24 News Update खेरवाड़ा, कस्बे एवं आसपास के गांवों में भाद्रपद की शीतला सातम पर शीतला सप्तमी मनाई गई। यह त्योहार शीतला माता को समर्पित है, जिन्हें बीमारियों की देवी और स्वास्थ्य की रक्षक माना जाता है। व्रतार्थी महिलाओं एवं भक्तजनों द्वारा देवी शीतला की पूजा की गई और उनसे रोगों से मुक्ति और अच्छे स्वास्थ्य की प्रार्थना की गई। माता को जल, हल्दी, चंदन, सिंदूर और फूल आदि चीजें अर्पित की गई। महिलाओं द्वारा शीतला माता को बासी भोजन का भोग लगाया गया क्योंकि माना जाता है कि इस दिन अग्नि का प्रयोग वर्जित होता है।महिलाओं ने व्रत रख कर आचार्य एवं पुजारी से शीतला माता की कथा का श्रवण किया। कई स्थानों पर नीम के पत्तों से पूजा की गई क्योंकि नीम को भी शीतलता प्रदान करने वाला माना जाता है।
इधर किले मन्दिर स्थित श्री शीतलामाता मंदिर पर बास्योड़ा पर्व पर प्रातः मंगला में देवी पार्वती का अवतार शीतलामाता का आकर्षक श्रृंगार किया गया। महंत भारत भूषण के सानिध्य में वैदिक पद्द्ति से उपासना कर शीतल जल अर्पण किया गया,आटे के दीपक, रोली, हल्दी, अक्षत, वस्त्र बड़कुले की माला, मेहंदी, सिक्के, सुगंधित पुष्प, नीम के पत्ते, इत्र, धूप, दीप, ठंडी चीजों का भोग पुआ, पूरी, दाल – चावल, मिठाई, गुड़ से बना हलुवा, गुड़ से बने लड्डू, नैवेद्य,फल,पंच मेवा भेंट की गई व देवी की कथा,आराधना की गई। भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया।
महिलाओं द्वारा शीतला सप्तमी पर विशेष पूजा अर्चना

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