
24 News Update उदयपुर। हरियाली अमावस्या मेले के अवसर पर इस बार एक नई पहल देखने को मिली, जब जिला प्रशासन और बाल अधिकारिता विभाग ने बच्चों से जुड़े संवेदनशील मुद्दों—बालश्रम और बाल भिक्षावृत्ति—के खिलाफ सख्ती से अभियान चलाया। जिला कलेक्टर नमित मेहता के निर्देशन में बाल अधिकारिता विभाग द्वारा विगत 15 दिनों से लगातार रेस्क्यू व जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसका विशेष चरण 24 व 25 जुलाई को आयोजित हरियाली अमावस्या मेले में देखा गया।
इस अभियान के अंतर्गत बाल अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक के.के. चन्द्रवंशी द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन की 8 सदस्यीय टीम को मेले में गुप्त रेस्क्यू कार्रवाई हेतु तैनात किया गया। मेले में पहली बार विभागीय आरक्षित काउंटर पर बाल कल्याण समिति (CWC) का अस्थायी बेंच स्थापित किया गया, ताकि मौके पर ही बालश्रम या भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के प्रति आश्रय, समझाइश व दंडात्मक कार्यवाही की जा सके।
जिला समन्वयक नवनीत औदीच्य के नेतृत्व में चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम द्वारा मेले में लगी दुकानों व ठेलों पर जाकर बच्चों से संबंधित गतिविधियों की निगरानी की गई। संदिग्ध मामलों में तत्काल हस्तक्षेप कर बच्चों को बालश्रम से मुक्त करवाया गया और संबंधित अभिभावकों को समझाइश दी गई। इस दौरान बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष श्रीमती यशोदा पनिया, सदस्य श्रीमती अंजना जोशी एवं डॉ. संगीता राव मेले में सक्रिय रूप से उपस्थित रहीं और मौके पर ही मामलों की सुनवाई कर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की।
इस अभियान में राजकीय बालगृह के अधीक्षक पंकज पचार, बाल संरक्षण अधिकारी राजकुमार जीनगर, चाइल्ड हेल्पलाइन से मोइन पिंजारा, शंकरलाल भोई एवं ज्ञानेश्वर भी सक्रिय रूप से सम्मिलित रहे। रेस्क्यू अभियान के साथ-साथ जन-जागरूकता को भी समान महत्व दिया गया। चाइल्ड हेल्पलाइन द्वारा बालश्रम एवं भिक्षावृत्ति से संबंधित कानूनों, बच्चों के अधिकारों और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया पर आधारित जानकारी स्टॉल के माध्यम से आमजन तक पहुँचाई गई।
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