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विश्व पर्यावरण दिवस पर उत्तर पश्चिम रेलवे का विशेष अभियान, प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम और कचरा प्रबंधन पर संगोष्ठी, नुक्कड़ नाटक और जागरूकता रैली आयोजित

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24 News Update जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे पर 22 मई से 5 जून 2025 तक विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में विशेष पर्यावरण संरक्षण और जन-जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर मंडलों, कारखानों, अस्पतालों और स्टेशनों पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। 5 जून को जयपुर स्थित रेलवे मुख्यालय में प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम और कचरा प्रबंधन विषयक संगोष्ठी, “नो प्लास्टिक-गो प्लास्टिक” शीर्षक से नुक्कड़ नाटक तथा स्काउट गाइड द्वारा जागरूकता रैली आयोजित की गई।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री शशि किरण ने बताया कि इस संगोष्ठी में डॉ. विजय सिंघल, पूर्व मुख्य पर्यावरण इंजीनियर, राजस्थान स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने पर्यावरण संरक्षण के तकनीकी और व्यवहारिक पहलुओं पर प्रस्तुति दी। वहीं, श्री अंगराज स्वामी, संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ECOWRAP जयपुर ने कचरा प्रबंधन के महत्व, रणनीतियों और प्रभावी पृथक्करण पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य यांत्रिक इंजीनियर श्री शिवेन्द्र मोहन द्वारा की गई, जिन्होंने भारतीय रेलवे द्वारा पर्यावरण संरक्षण में निभाई जा रही भूमिका को रेखांकित किया। अपर महाप्रबंधक श्री अशोक माहेश्वरी ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्लास्टिक प्रदूषण की रोकथाम में भागीदारी की अपील की।
इस अवसर पर रेलवे बोर्ड के सदस्य (ट्रैक्शन एवं रोलिंग स्टॉक) श्री ब्रज मोहन अग्रवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी कर्मचारियों को “पर्यावरण संरक्षण शपथ” दिलाई। संगोष्ठी में कई वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के बाद रेल कर्मचारियों ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्लास्टिक के दुष्परिणामों पर संदेश दिया। साथ ही स्काउट और गाइड के सहयोग से जगतपुरा स्टेशन, रेलवे कॉलोनी और मुख्यालय में जागरूकता रैली निकाली गई, जिसमें पर्यावरण के प्रति सजगता का संदेश आमजन तक पहुंचाया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे के मंडलों और यूनिटों में भी पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्टेशनों पर यात्रियों की भागीदारी से उन्हें पर्यावरण संरक्षण से जोड़ने के प्रयास किए गए, जिससे पर्यावरण के प्रति साझा जिम्मेदारी की भावना मजबूत हो सके।

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