24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों में पाइपलाइन के माध्यम से घरेलू एलपीजी गैस की आपूर्ति को लेकर वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा कोई योजना विचाराधीन नहीं है। हाल ही में केंद्र सरकार की ओर से जारी दस्तावेज के अनुसार विभिन्न जिलों में पाइप्ड नेचुरल गैस पीएनजी के वितरण की स्थिति सीमित बनी हुई है। उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों में अडानी टोटल गैस लिमिटेड को अधिकृत किया गया है, लेकिन अभी तक अपेक्षित संख्या में कनेक्शन नहीं दिए गए हैं।
उदयपुर और चित्तौड़गढ़ जिलों के लिए निर्धारित लक्ष्य 4,00,583 कनेक्शन का था, लेकिन अब तक केवल 15,039 कनेक्शन ही उपलब्ध कराए जा सके हैं, जो लक्ष्य का मात्र 3.75 प्रतिशत है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि इन जिलों में पीएनजी आपूर्ति का विस्तार काफी धीमी गति से हो रहा है। इन जिलों में पीएनजी का धीमा विस्तार कई कारणों से प्रभावित हो रहा है, जिनमें बुनियादी ढांचे की कमी, पाइपलाइन विस्तार की जटिल प्रक्रिया और सरकारी नीतियों की धीमी प्रगति शामिल हैं। इन जिलों में लक्ष्य पूरा करने की तिथि 30 सितंबर 2028 निर्धारित की गई है, लेकिन मौजूदा प्रगति को देखते हुए इसे समय पर पूरा कर पाना कठिन प्रतीत होता है।
राजस्थान के अन्य जिलों में भी पीएनजी के वितरण की स्थिति समान रूप से असंतोषजनक है। अजमेर, पाली और राजसमंद जिलों में इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड द्वारा निर्धारित 10,00,944 कनेक्शनों में से अब तक 2,24,806 कनेक्शन ही उपलब्ध कराए गए हैं। इस परियोजना का लक्ष्य 31 मार्च 2029 तक पूरा किया जाना है। इसी प्रकार, कोटा जिले में राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड द्वारा 1,00,000 कनेक्शनों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 52,321 कनेक्शन दिए गए हैं, और इसे 30 जून 2014 तक पूरा करने का लक्ष्य था। जयपुर जिले के लिए टोरेंट गैस जयपुर द्वारा 13,20,000 कनेक्शनों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 8,864 कनेक्शन ही उपलब्ध कराए गए हैं और यह लक्ष्य 31 मार्च 2030 तक पूरा किया जाना है।
राज्य में अन्य जिलों जैसे भीलवाड़ा और बूंदी में अडानी टोटल गैस लिमिटेड द्वारा 2,70,056 कनेक्शनों का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक केवल 1,783 कनेक्शन ही दिए जा सके हैं और यह परियोजना 30 सितंबर 2028 तक पूरी होनी थी। इसी तरह, झुंझुनू, सीकर और नागौर जिलों में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा 20,87,645 कनेक्शनों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से अब तक 4,844 कनेक्शन ही उपलब्ध कराए गए हैं। इस परियोजना को 31 मार्च 2031 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान में पाइपलाइन गैस वितरण के विकास में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों तक पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार करना कठिन है, जिससे इस परियोजना में देरी हो रही है। इसके अतिरिक्त, सरकार की ओर से स्पष्ट रूप से एलपीजी को पाइपलाइन के माध्यम से आपूर्ति करने की कोई नई योजना न होने के कारण, उपभोक्ताओं को अभी भी सिलेंडर आधारित गैस आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
हालांकि सरकार और अधिकृत कंपनियों द्वारा पीएनजी नेटवर्क के विस्तार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रगति बहुत सीमित रही है। नीति निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक घरों तक पाइपलाइन गैस पहुंचाई जा सके।
हालांकि सरकार और अधिकृत कंपनियों द्वारा PNG नेटवर्क के विस्तार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक प्रगति बहुत सीमित रही है। नीति निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक घरों तक पाइपलाइन गैस पहुंचाई जा सके।
नीचे तालिका में राजस्थान में PNG आपूर्ति की वर्तमान स्थिति को विस्तृत रूप से दर्शाया गया है:
| जिला | आधिकारिक कंपनी | लक्षित कनेक्शन | अब तक दिए गए कनेक्शन | प्रगति (%) | लक्ष्य पूरा होने की तिथि |
|---|---|---|---|---|---|
| उदयपुर व चित्तौड़गढ़ | अडानी टोटल गैस लिमिटेड | 4,00,583 | 15,039 | 3.75% | 30 सितंबर 2028 |
| कोटा | राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड | 1,00,000 | 52,321 | 52.32% | 30 जून 2014 |
| अजमेर, पाली, राजसमंद | इंड्रप्रस्थ गैस लिमिटेड | 10,00,944 | 2,24,806 | 22.48% | 31 मार्च 2029 |
| अलवर, जयपुर | टोरेंट गैस जयपुर | 13,20,000 | 8,864 | 0.67% | 31 मार्च 2030 |
| भीलवाड़ा, बूंदी | अडानी टोटल गैस लिमिटेड | 2,70,056 | 1,783 | 0.66% | 30 सितंबर 2028 |
| झुंझुनू, सीकर, नागौर | इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड | 20,87,645 | 4,844 | 0.23% | 31 मार्च 2031 |
इस रिपोर्ट से स्पष्ट है कि राजस्थान के कई जिलों में PNG आपूर्ति परियोजना अभी अपने शुरुआती चरण में है और कई क्षेत्रों में कनेक्शन वितरण की गति काफी धीमी बनी हुई है।

