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पर्ची सरकार जनप्रतिनिधियों के अधिकारों का कर रही हनन, कानून व्यवस्था चौपट: कांग्रेस का आरोप

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24 News Update उदयपुर, 23 जुलाई। राजस्थान में भाजपा की “पर्ची-खर्ची सरकार” पर हमला तेज करते हुए उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को सब सिटी सेंटर स्थित काग्रेस कार्यालय में बैठक कर राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला। बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, स्थानीय निकायों के चुनावों में देरी और स्मार्ट मीटर थोपे जाने के विरोध में कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया और जिला प्रशासन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
“निकाय चुनाव टालकर लोकतंत्र का कर रही हनन” – इंदिरा मीणा
बैठक में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार भाग लेने आईं उदयपुर देहात जिला कांग्रेस प्रभारी एवं विधायक इंदिरा मीणा ने कहा,
“पंचायती राज और नगरीय निकायों के चुनाव संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के तहत हर पांच वर्ष में कराना अनिवार्य है, लेकिन पर्ची सरकार जानबूझकर इन चुनावों को टालकर जनप्रतिनिधियों के अधिकार छीन रही है। कई निकायों का कार्यकाल पूरा हुए 12 महीने से अधिक हो चुके हैं, फिर भी चुनाव नहीं कराए गए।” उन्होंने कहा कि यह सीधे-सीधे लोकतंत्र और संविधान का अपमान है। कांग्रेस पार्टी इस तानाशाही रवैये का विरोध करते हुए स्थानीय निकायों और पंचायतों के अस्तित्व को बचाने की लड़ाई सड़क से सदन तक लड़ेगी।
“स्मार्ट मीटर लगवाने की नौटंकी बंद करे सरकार” – कचरू लाल चौधरी
उदयपुर देहात जिला कांग्रेस अध्यक्ष कचरू लाल चौधरी ने कहा कि, “पर्ची सरकार आमजन से जुड़ी समस्याओं को दरकिनार कर उन्हें स्मार्ट मीटर थोपने में लगी है। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर इसका सीधा असर पड़ेगा। मंत्री और विधायक यदि ईमानदार हैं तो पहले अपने-अपने निजी घरों में स्मार्ट मीटर लगवाकर सोशल मीडिया पर फोटो डालें, न कि सरकारी आवास पर, जहां बिल खुद सरकार देती है।” उन्होंने मांग की कि सरकार पहले यह स्पष्ट करे कि स्मार्ट मीटर से उपभोक्ता का बिजली बिल नहीं बढ़ेगा और क्या इसमें निःशुल्क बिजली योजना का लाभ मिलता रहेगा।
“कानून व्यवस्था के नाम पर अराजकता” – ताराचंद मीणा
पूर्व लोकसभा प्रत्याशी ताराचंद मीणा ने कहा कि,
“बीते डेढ़ वर्ष में प्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार, लूटपाट, डकैती, बलात्कार, चैन स्नैचिंग जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं। बजरी माफिया खुलेआम गुंडागर्दी कर रहे हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी है। कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज प्रदेश में नजर नहीं आती।” उन्होंने चेताया कि यदि हालात नहीं सुधरे तो कांग्रेस कार्यकर्ता आमजन की पीड़ा को लेकर सड़क से सदन तक पर्ची सरकार को घेरेंगे।
ज्ञापन सौंपकर जताया विरोध
बैठक के उपरांत जिला कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। इसमें निकाय व पंचायत चुनाव शीघ्र करवाने, स्मार्ट मीटर के खिलाफ पारदर्शी नीति अपनाने, महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, बजरी माफियाओं पर कार्रवाई और कानून व्यवस्था बहाल करने की मांग की गई।
बैठक में शामिल प्रमुख नेता और कार्यकर्ता
बैठक में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व मंत्री डॉ. मांगीलाल गरासिया, पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत, बसंती देवी मीणा, मावली विधायक पुष्कर डांगी, पीसीसी उपाध्यक्ष हीरा लाल दरांगी, पीसीसी महासचिव लाल सिंह झाला, पूर्व जिला प्रमुख ख्यालीलाल सुहालका, कांग्रेस प्रत्याशी विवेक कटारा (उदयपुर ग्रामीण), रेशमा मीणा (सलूंबर उपचुनाव), पीसीसी सदस्य रामलाल गायरी, देहात कांग्रेस संगठन महासचिव गजेंद्र कोठारी, प्रवक्ता डॉ. संजीव राजपुरोहित, ब्लॉक अध्यक्ष गुलाब सिंह राव, राम सिंह चदाणा, ओनार सिंह सिसोदिया, कमल डांगी, रूपलाल मीणा, राजेंद्र गोखरू, खेमराज मीणा, राजेंद्र जैन, रायसाराम खैर, गणेश चौधरी, लक्ष्मण सिंह राठौड़, महेंद्र सिंह राणावत, देहात कांग्रेस अध्यक्ष मोहब्बत सिंह राणावत, प्रधान गंगाराम मीणा, कमला परमार, पुष्पा मीणा, राधा देवी परमार, युवा कांग्रेस कार्यवाहक अध्यक्ष बालू लाल भील, ओबीसी विभाग अध्यक्ष कमलेश पटेल, कांग्रेस उपाध्यक्ष मोड़ सिंह सिसोदिया, नवल सिंह चुंडावत, महासचिव लक्ष्मीनारायण मेघवाल, भगवानलाल अहीर, श्याम सुंदर आमेटा, महेश त्रिपाठी, भूपेंद्र चौहान, दिनेश औदिच्य, पूर्व पार्षद मदन सिंह बाबरवाल, जिला परिषद सदस्य कामिनी गुर्जर, दिव्यानी कटारा, सचिव भानु गुर्जर, चंद्रवीर गुर्जर, शंकरलाल मेघवाल, टीटू सुथार, मोतीलाल शर्मा, महेंद्र डामोर, एनएसयूआई के शक्ति सिंह झाला, किशन सिंह चुंडावत, धनपाल जैन, गोपाल सरपटा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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