उदयपुर। श्री श्रीमाली समाज संस्था मेवाड़ द्वारा मंगलवार रात टाइगर हिल स्थित संस्कार भवन में हरतालिका तीज का सामूहिक आयोजन हुआ। इस अवसर पर 58 महिलाओं ने एक साथ उद्यापन किया और पूरी रात चार पहर की पूजा में भगवान शिव-पार्वती की आराधना की।
बुधवार को व्रतधारी महिलाओं का पालना हुआ, जिसमें लगभग 1000 महिलाएं शामिल रहीं। समाज अध्यक्ष दिग्विजय श्रीमाली के नेतृत्व में तैयारियां हुईं।
चार शुभ योग का संयोग
इस बार तीज पर सर्वार्थ सिद्धि, शोभन, गजकेसरी और पंचमहापुरुष जैसे चार शुभ योग बने। श्रद्धा से किया गया यह व्रत फलदायी माना गया।
पारंपरिक श्रृंगार और पूजन विधि
महिलाओं ने लाल, हरा और गुलाबी रंग के परिधान धारण किए, जो क्रमशः प्रेम-शक्ति, हरियाली-समृद्धि और सौम्यता का प्रतीक माने जाते हैं। काला, नीला, सफेद और क्रीम रंग वर्जित रहे। शिव-पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा व शिवलिंग स्थापित कर गणेश पूजन, गौरी-शंकर पूजन, भोग और आरती संपन्न हुई। माता पार्वती को सोलह श्रृंगार अर्पित किए गए।
पौराणिक महत्व
कथा के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तप कर भाद्रपद शुक्ल तृतीया की रात मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजन किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत अखंड सौभाग्य और वैवाहिक सुख-समृद्धि के लिए किया जाता है।
पदाधिकारियों की सक्रिय भूमिका
कार्यक्रम के संयोजक रोशन लाल जोशी व सहसंयोजक उपेश त्रिवेदी थे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष ओम शंकर श्रीमाली, संयुक्त महामंत्री भाव प्रकाश दशोत्तर, उपाध्यक्ष रमेश श्रीमाली, सांस्कृतिक मंत्री जमनालाल ओझा, कार्यालय मंत्री चेतन प्रकाश श्रीमाली, कोषाध्यक्ष ललित परागोत, युवा अध्यक्ष प्रफुल्ल श्रीमाली सहित कई पदाधिकारियों ने आयोजन को सफल बनाया।
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