24 न्यूज अपडेट. जयपुर। बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता शाहरुख खान, अजय देवगन, टाइगर श्रॉफ और विमल पान मसाला बनाने वाली कंपनी जेबी इंडस्ट्रीज के चेयरमैन विमल कुमार अग्रवाल को जयपुर कंज्यूमर कोर्ट ने समन जारी किया है। उन पर आरोप है कि विमल पान मसाला के विज्ञापन में केसर होने का झूठा दावा कर आम लोगों को गुमराह किया जा रहा है। शिकायत में कहा गया है कि उत्पाद में केसर जैसा कुछ भी नहीं है, फिर भी इसके नाम पर भारी मुनाफा कमाया जा रहा है।
यह मामला जयपुर के वकील योगेंद्र सिंह बडियाल की शिकायत के बाद सामने आया है। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीना और सदस्य हेमलता अग्रवाल की बेंच ने 5 मार्च को इसकी पहली सुनवाई की। अगली सुनवाई 19 मार्च 2025 को सुबह 10 बजे होगी। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर आरोपी व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधि के जरिए पेश नहीं होते, तो एकतरफा फैसला सुनाया जा सकता है।
विज्ञापन में झूठे दावे का आरोप
शिकायतकर्ता योगेंद्र सिंह बडियाल ने कहा कि विमल पान मसाला के विज्ञापन में दावा किया जाता है कि “दाने-दाने में केसर का दम है।” इस झूठे वादे के चलते जेबी इंडस्ट्रीज ने करोड़ों रुपये कमाए हैं। उन्होंने बताया, “बाजार में केसर की कीमत 4 लाख रुपये प्रति किलोग्राम है, जबकि यह पान मसाला सिर्फ 5 रुपये में बिकता है। ऐसे में केसर होने का दावा हास्यास्पद है।” बडियाल ने जोर देकर कहा कि यह भ्रामक विज्ञापन लोगों को धोखे में डाल रहा है और उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पान मसाला के नियमित सेवन से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियां बढ़ रही हैं। “कंपनी और इसके विज्ञापन से जुड़े लोग जनता को गलत जानकारी देकर उनकी सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं,” शिकायत में उल्लेख किया गया।
सख्त कार्रवाई की मांग
बडियाल ने कोर्ट से मांग की है कि जेबी इंडस्ट्रीज और विज्ञापन में शामिल अभिनेताओं पर भारी जुर्माना लगाया जाए। साथ ही, उन्होंने विमल पान मसाला और इसके विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगाने की अपील की। “यह झूठा प्रचार जनता के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। इसके लिए निर्माता और प्रचारक दोनों जिम्मेदार हैं। लोगों के हित में कठोर कदम उठाना जरूरी है,” उन्होंने कहा।
पान मसाला उद्योग पर सवाल
इस मामले ने पान मसाला उद्योग की कार्यप्रणाली पर फिर से सवाल उठाए हैं। यह उद्योग करोड़ों की कमाई कर रहा है, लेकिन इसके उत्पादों को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। शाहरुख, अजय और टाइगर जैसे बड़े सितारों का इन विज्ञापनों से जुड़ना विवाद को और गंभीर बना रहा है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सेलिब्रिटी को ऐसे उत्पादों का प्रचार करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
आरोपियों को अगली सुनवाई में जवाब देना होगा। कानूनी जानकारों का मानना है कि यह मामला भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।

