24 News Update उदयपुर. उदयपुर जिले के कोटड़ा क्षेत्र की पीपला ग्राम पंचायत स्थित सरकारी उच्च माध्यमिक विद्यालय (सी.सै. स्कूल) के दो कमरे बीती रात अचानक भरभराकर गिर गए। गनीमत रही कि हादसा रात को हुआ, वरना स्कूल संचालन के समय यह घटना होती तो बड़ा जानलेवा हादसा हो सकता था। ग्रामीणों और विद्यार्थियों में भय का माहौल है, जबकि विभागीय लापरवाही को लेकर गहरा रोष व्याप्त है।
जर्जर भवन की शिकायतें पहले से थीं, लेकिन अनसुनी रहीं
विद्यालय भवन की हालत लंबे समय से खस्ताहाल और जर्जर थी। इसको लेकर ग्रामीणों और स्थानीय सरपंच मन्नालाल ने कई बार शिक्षा विभाग और प्रशासन को अवगत कराया था। मगर, अधिकारियों ने चेतावनी के संकेतों को लगातार नजरअंदाज किया। बीती रात हुए हादसे के बाद भी जब सरपंच ने सुबह सीबीईओ को सूचना दी, तो कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।
अब स्कूल में केवल दो कमरे बचे, 250 बच्चों की पढ़ाई संकट में
विद्यालय में कुल चार कमरे थे, जिनमें से दो पूरी तरह ढह चुके हैं। शेष दो कमरों में अब कक्षा 1 से 12वीं तक के करीब 250 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई कराना लगभग असंभव हो गया है। विभाग की ओर से अभी तक न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है और न ही भवन मरम्मत की प्रक्रिया शुरू हुई है।
“हम बच्चों की जान खतरे में नहीं डाल सकते” — ग्रामीण
घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि विभाग की लापरवाही के चलते किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। वे अब अपने बच्चों को जोखिम भरे जर्जर भवन में नहीं भेजेंगे। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द नया भवन तैयार किया जाए, और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
इस गंभीर घटना के बाद भी प्रशासन और शिक्षा विभाग की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। न तो कोई जांच टीम मौके पर पहुंची और न ही आपात बैठक बुलाई गई। शिक्षा विभाग की यह उदासीनता क्षेत्र में बुनियादी शिक्षा सुविधाओं की दयनीय स्थिति को उजागर करती है।
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