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सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष गुर्जर को अनियमितताओं के बाद पद से हटाया

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24 News Update उदयपुरः राजस्थान के प्रसिद्ध श्रीसांवलियाजी मंदिर के प्रबंधन में पारदर्शिता और सुशासन स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। देवस्थान विभाग ने मंदिर-मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया है। यह निर्णय कथित वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के बाद लिया गया है, जो विभागीय जांच में सही पाई गईं।
शासन उप सचिव आलोक कुमार सैनी द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि भैरूलाल गुर्जर पर अनुचित तरीके से मानदेय स्वीकार करने के साथ-साथ मंदिर परिसर में सड़क निर्माण और दुकानों के आवंटन में गड़बड़ी करने के आरोप थे। विभाग द्वारा इन आरोपों की गहन जांच की गई और उन्हें सत्य पाया गया। इस मामले में, विभाग ने श्री गुर्जर को अपना पक्ष रखने का अवसर देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। हालांकि, उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब को विभाग ने संतोषजनक नहीं माना। परिणामस्वरूप, भक्तों की गहरी आस्था के केंद्र श्रीसांवलियाजी मंदिर की गरिमा और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यह निर्णायक कार्रवाई की।
भैरूलाल गुर्जर को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा 28 फरवरी 2022 को अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, और उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2025 तक निर्धारित था। वर्तमान में, पुराने बोर्ड का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, और नए बोर्ड के गठन में देरी के कारण वह अभी तक पद पर बने हुए थे।
सरकार ने अपने आदेश में यह स्पष्ट संदेश दिया है कि श्रीसांवलियाजी मंदिर, जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थान है, के प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए मंदिर प्रबंधन की निगरानी को और अधिक सख्त किया जाएगा।
श्रीसांवलियाजी मंदिर राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है, जहां प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऐसे में, मंदिर प्रशासन से उच्च स्तर की पारदर्शिता और नियमों के अनुसार संचालन की अपेक्षा स्वाभाविक है।
सरकार के इस कदम को मंदिर के भक्तों और आम जनता द्वारा स्वागत किया जा रहा है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि सरकार धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। आने वाले समय में, मंदिर के सभी प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों पर कड़ी नजर रखी जाएगी, जिससे एक स्वच्छ और नियम-आधारित प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

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