24 news update उदयपुर। राजस्थान विद्यापीठ के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में सोमवार को संस्कृति मेला 2025 का उत्साहपूर्वक आयोजन हुआ। मेले का उद्देश्य प्रशिक्षणार्थी छात्राध्यापकों को भारतीय परंपराओं, सांस्कृतिक मूल्यों और भविष्य के व्यवसायिक दायित्वों से अवगत कराना रहा।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत, कुलाधिपति व कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर, प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग, तथा डॉ. भवानी पाल सिंह राठौड़ ने सरस्वती प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर एवं फीता काटकर किया।
युवा पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने का प्रयास – प्रो. सारंगदेवोत
कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि आधुनिकता की तेज़ रफ्तार में युवा पीढ़ी सांस्कृतिक मूल्यों से दूर होती जा रही है। ऐसे आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों को अपनी जड़ों से जोड़ने का उत्कृष्ट प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज के फास्ट फूड के दौर में पारम्परिक व्यंजनों की प्रस्तुति संस्कृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है। इससे विद्यार्थियों में कार्यक्रम प्रबंधन, संचालन और बाज़ार की समझ भी विकसित होती है।
उन्होंने बदलती जीवनशैली के बीच पारंपरिक भोजन के स्वास्थ्य लाभों पर जोर देते हुए कहा कि हमें पुनः अपने प्राचीन खानपान की ओर लौटने की आवश्यकता है।
30 से अधिक स्टॉल बने आकर्षण का केंद्र
प्राचार्य प्रो. सरोज गर्ग ने बताया कि मेले में विद्यार्थियों, संकाय सदस्यों और अधिकारियों ने पूरे दिन उत्साहपूर्वक भाग लिया।
मेले में पारंपरिक से आधुनिक व्यंजनों तक 30 से अधिक स्टॉल लगाए गए जिनमें –
फ्रूट कस्टर्ड, गुलाबी पानीपुरी, बाजरे की रोटी, केर-सांगरी, मेथी गोटे-कढ़ी, कप केक, भेल-राबड़ी, दाबेली, अमेरिकन कॉर्न चाट, वड़ा पाव, साबूदाना खिचड़ी, कढ़ी-लौकी मुठिया, पाव भाजी, पास्ता आदि विशेष आकर्षण रहे। इसके साथ ही गेम ज़ोन भी विद्यार्थियों और आगंतुकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा।
अनेक गणमान्यों की उपस्थित रही
इस अवसर पर प्रो. गजेन्द्र माथुर, डॉ. रचना राठौड़, डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. भूरालाल श्रीमाली, डॉ. अनीता कोठारी सहित विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य, मंत्रालयिक कर्मचारी, विद्यार्थी एवं बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।

