– एक वृक्ष कई लोगों को जीवन दान देता है – राष्ट्रसंत पुलक सागर
24 News Update उदयपुर। सर्वऋतु विलास स्थित महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में राष्ट्रसंत आचार्यश्री पुलक सागर महाराज ससंघ का चातुर्मास भव्यता के साथ संपादित हो रहा है। सोमवार को टाउन हॉल नगर निगम प्रांगण में 27 दिवसीय ज्ञान गंगा महोत्सव के 23वें दिन नगर निगम प्रांगण में विशेष प्रवचन हुए। चातुर्मास समिति के अध्यक्ष विनोद फान्दोत ने बताया कि सोमवार को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जानकीलाल मूंदड़ा, डॉ. जिनेन्द्र शास्त्री, दिव्यांशी भट्ट, छगनलाल पुरोहित, हिम्मत सिंह बड़ाला, लालेश साहू, प्रियंका कोठारी उपस्थित थे ।
चातुर्मास समिति के परम संरक्षक राजकुमार फत्तावत व मुख्य संयोजक पारस सिंघवी ने बताया कि ज्ञान गंगा महोत्सव के 23वें दिन आचार्य पुलक सागर महाराज ने कहा जीवन धीरे धीरे नष्ट हो रहा है, लेकिन आप जीवन के प्रति गंभीर नहीं है ।जीवन में लम्बाई का नहीं जीवन में गहराई का महत्व है । एक राजा था सुबह सुबह शिकार खेलने गया, शिकार खेलना कोई बहादुरी नहीं है, बर्बरता है, व्यसन है, पाप है । शिकार एक मानविनाश है, अनर्थदंड है । अपना पेट भरने के लिए दूसरे का पेट काटना कोई मानवता नहीं हुआ करती है । एक जगह मैं आहार लेने गया, मैने वहां देखा, एक स्टेच्यू लगा था, जिसमें शेर की खाल लगी थी तो मैने पूछा ये क्या है, तो उसने बोला मेरे दादा जी शिकार करते थे । इस शेर का उन्होंने शिकार किया था । तो मैने कहा शेर को दादा जी ने कितनी दूर से मारा, उसने कहा 50 फीट दूर से । मैने कहा यह कोई बहादुरी का काम नहीं है, बहादुरी का काम तो तब होता जब शेर भी निहत्था होता और दादा जी भी उसके सामने निहत्थे । जहां हिंसा हो रही हो, वहां साधु आहार नहीं लेते है । मै वहां से बिना आहार लिए निकल गया । जहां किसी के जीवन से खेला जाए वहां संत आहार नहीं लेते है । वृक्ष लगाने के कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष फायदे होते हैं, जो पर्यावरण, समाज और अर्थव्यवस्था तीनों के लिए लाभकारी हैं। पर्यावरणीय फायदे ऑक्सीजन का स्रोत, पेड़ हमें शुद्ध ऑक्सीजन देते हैं, जो जीवन के लिए आवश्यक है। कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण वृक्ष वातावरण से कार्बन डाई ऑक्साइड सोखकर जलवायु परिवर्तन को कम करते है । प्रदूषण नियंत्रण धूल, धुआँ और हानिकारक गैसों को कम करते हैं। जल संरक्षण जड़ों से मिट्टी में पानी बनाए रखने में मदद करते हैं मिट्टी संरक्षण जड़ें मिट्टी को कटाव से बचाती हैं।
चातुर्मास समिति के महामंत्री प्रकाश सिंघवी व प्रचार संयोजक विप्लव कुमार जैन ने बताया कि 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर विशेष आयोजन होंगे । इस अवसर पर विनोद फान्दोत, राजकुमार फत्तावत, शांतिलाल भोजन, आदिश खोडनिया, पारस सिंघवी, अशोक शाह, शांतिलाल मानोत, नीलकमल अजमेरा, शांतिलाल नागदा सहित उदयपुर, डूंगरपुर, सागवाड़ा, साबला, बांसवाड़ा, ऋषभदेव, खेरवाड़ा, पाणुन्द, कुण, खेरोदा, वल्लभनगर, रुंडेडा, धरियावद, भीण्डर, कानोड़, सहित कई जगहों से हजारों श्रावक-श्राविकाएं मौजूद रहे।
जिन घरों में जीवों की हत्या होती है, वहां संत आहार नहीं करते – राष्ट्रसंत पुलक सागर

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