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चातुर्मास को लेकर रामद्वारा में हुआ संत तिलकरामजी का मंगल प्रवेश

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24 न्यूज अपडेट, सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग पर लोहारिया तालाब के सामने स्थित स्वामी कान्हडदास धाम बडा रामद्वारा में चातुर्मास कर रहे संत तिलकराम महाराज का शनिवार को आगमन हुआ। संत तिलकराम जी महाराज के नगर में आगमन पर समिति के उपाध्यक्ष विजय पंचाल,रामस्नेही भक्त भरत शर्मा, दिनेश शर्मा, पंकज सोमपुरा ,अशोक भावसार, चाहत सोनी ,देवीलाल सोनी ,नाथू परमार सहित महिला भक्त ने अगवानी करते हुए स्वागत किया। आगमन पर संत तिलकराम महाराज ने सर्वप्रथम संत ने रामचरण जी महाराज एवं कान्हडदास जी महाराज की तस्वीर का पूजन किया व मोहनराम जी महाराज,रामकिशोर जी महाराज की समाधि का भी पूजन किया। रामस्नेही संत ने बताया कि चातुर्मास में सत्संग का बहुत महत्व है यह आत्म -सुधार, आध्यात्मिक विकास,धार्मिक गतिविधियों के लिए एक विशेष समय माना जाता है। इस दौरान लोग सत्संग, भजन, कीर्तन और कथा- भागवत में भाग लेते हैं, जिससे उन्हें ज्ञान और शांति मिलती है। चातुर्मास में सत्संग से आध्यात्मिक विकास के लिए एक उत्कृष्ट समय है इस दौरान भक्त सत्संग में भाग लेकर धार्मिक ग्रंथो का पाठ करके और भगवान की भक्ति में समय बिताकर अपने आध्यात्मिक जीवन को मजबूत करते हैं। सत्संग का उद्देश्य मन को शुद्ध करना है यह समय व्यक्ति को सांसारिक मोह -माया से दूर ले जाकर उसे अपने भीतर झांकने और आत्म साक्षात्कार प्राप्त करने में मदद करता है। सत्संग से व्यक्ति के पिछले कर्मों के फल कम होते हैं और उसे मुक्ति की प्राप्ति होती है। समिति के प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा में बताया कि चातुर्मास के दौरान सत्संग प्रतिदिन प्रात 9ः30 से 11 बजे तक होगा यह 6 जुलाई से 3 अक्टूबर 2025 तक चलेगा एवं गुरुवार को गुरु पूर्णिमा पर्व परंपरा अनुसार मनाया जाएगा। सत्संग के दौरान विभिन्न प्रकार के पर्व एवं उत्सव भी मनाए जाएंगे।

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