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सागवान : भव्य कार्यक्रम में ट्रेलर लॉन्च, अंधविश्वास और कुरीतियों के खिलाफ़ जागरूकता का सिनेमा

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24 News Update उदयपुर। सांवलिया एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी सत्य घटना पर आधारित फ़िल्म ‘सागवान’ का ट्रेलर रविवार को उदयपुर में एक रंगारंग समारोह में लॉन्च किया गया। दक्षिणी राजस्थान और प्रतापगढ़ के जंगलों में फ़िल्माई गई यह फ़िल्म समाज में व्याप्त अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र और झूठी मान्यताओं के खिलाफ़ एक सशक्त संदेश लेकर आई है।
जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी, एडीजी पुलिस दिनेश एम.एन., मेवाड़ राजपरिवार के डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, विधायक फूल सिंह मीणा, लाल सिंह झाला, अतुल चंडालिया, प्रीति गजेंद्र सिंह, सौरभ पालीवाल और कन्हैयालाल मीणा सहित अनेक गणमान्य नागरिक, कलाकार और मीडिया जगत के प्रतिनिधि मौजूद रहे। फ़िल्म की टीम ने दर्शकों और अतिथियों से संवाद करते हुए इसके निर्माण से जुड़ी कई रोचक बातें साझा कीं।
फ़िल्म के निर्देशक और मुख्य अभिनेता हिमांशु सिंह राजावत पेशे से पुलिस अधिकारी हैं। उन्होंने फ़िल्म की कहानी, संवाद और निर्देशन तीनों की ज़िम्मेदारी स्वयं निभाई है। राजावत ने बताया कि इस फ़िल्म की प्रेरणा उन्हें अपने पुलिस जीवन की एक वास्तविक घटना से मिली। उन्होंने कहा कि “सागवान केवल एक थ्रिलर या एक्शन फ़िल्म नहीं है, बल्कि यह समाज को सोचने और जागने के लिए प्रेरित करने वाली कहानी है।”
फ़िल्म में एहसान ख़ान, मिलिंद गुना, श्याजी शिंदे, रश्मि मिश्रा, और सुनील बिश्नोई जैसे कलाकारों ने प्रमुख भूमिकाएं निभाई हैं। इन सभी ने अपने अभिनय से पात्रों को जीवन्त बनाने की कोशिश की है, जिससे कहानी और अधिक प्रभावशाली बन सके।
ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में फ़िल्म के निर्माता प्रकाश मेनारिया, अर्जुन पालीवाल, नितिन श्रीमाली और भूपेंद्र दुलावत ने कहा कि यह फ़िल्म समाज के वास्तविक मुद्दों को उठाने का प्रयास है। उन्होंने बताया कि शूटिंग के दौरान टीम ने स्थानीय कलाकारों और ग्रामीणों को भी शामिल किया, ताकि कहानी में क्षेत्रीय संस्कृति और वास्तविकता का समावेश हो सके।
‘सागवान’ की कहानी एक ऐसे पुलिस अधिकारी की है, जो अंधविश्वास में जकड़े समाज से टकराता है और लोगों को सच दिखाने का प्रयास करता है। यह कहानी दर्शाती है कि किस तरह अज्ञानता और भय लोगों के जीवन पर हावी हो जाते हैं। फ़िल्म का प्रत्येक दृश्य इस संघर्ष और विश्वास की लड़ाई को बयां करता है।
फ़िल्म की शूटिंग उदयपुर और प्रतापगढ़ के जंगलों, घाटियों और गाँवों में की गई है। इन इलाकों की प्राकृतिक खूबसूरती और स्थानीय संस्कृति ने कहानी को वास्तविकता का रंग दिया है। फ़िल्म की टीम का कहना है कि यह सिर्फ़ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज के दर्पण के रूप में बनी एक कोशिश है।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित अतिथियों ने भी कहा कि ‘सागवान’ जैसी फ़िल्में समाज में जागरूकता लाने का माध्यम बन सकती हैं। डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि ऐसी फ़िल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि दर्शकों के भीतर सोच पैदा करती हैं।
निर्माताओं ने बताया कि ‘सागवान’ जल्द ही देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी। इसका ट्रेलर यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है और दर्शकों से इसे शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।

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