24 News Update जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर खंडपीठ ने एक भावनात्मक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए बीकानेर निवासी मुकेश सुथार को राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की अपील खारिज करते हुए कहा कि मां की मृत्यु से एक दिन पहले गोद लिया गया बेटा अनुकंपा नियुक्ति का अधिकारी है।
मामला 29 जून 2009 का है, जब मुकेश को धन्नाराम और उनकी पत्नी ने गोद लिया था। अगले ही दिन उसकी दत्तक मां का निधन हो गया। दत्तक पिता धन्नाराम पीएचईडी विभाग में कर्मचारी थे। मां की मृत्यु के बाद मुकेश ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, जिसे सरकार ने गोदनामे की वैधता पर सवाल उठाते हुए अस्वीकार कर दिया।
एकलपीठ ने मई 2023 में मुकेश को वैध दत्तक पुत्र मानते हुए नियुक्ति के आदेश दिए थे। सरकार ने यह आदेश चुनौती दी, मगर जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा कि बीकानेर की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहले ही दत्तक ग्रहण को वैध ठहरा चुकी है।
कोर्ट ने कहा कि सभी दस्तावेजों में मुकेश के पिता का नाम धन्नाराम दर्ज है, इसलिए वह राजस्थान मृतक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की अनुकंपा नियुक्ति नियम-1996 के तहत नियुक्ति पाने का अधिकारी है।
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