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डॉ. रचना राठौड़ व डॉ. इंदु बाला आचार्य की पुस्तक ‘भौतिक विज्ञान शिक्षण’ का विमोचन, विद्यापीठ बीएड महाविद्यालय का स्थापना दिवस हर्षोल्लास से मनाया

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24 News Update उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), उदयपुर के संघटक लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के 60वें स्थापना दिवस का आयोजन मंगलवार को गरिमामय वातावरण में हर्षोल्लासपूर्वक किया गया। इस अवसर पर डॉ. रचना राठौड़ और डॉ. इंदु बाला आचार्य द्वारा लिखित ‘भौतिक विज्ञान शिक्षण’ पुस्तक का विधिवत विमोचन हुआ

समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने कहा कि शिक्षा नीतियों के माध्यम से जो जिन विचारों पर वर्तमान में कार्य करवाए जा रहे है उस सोच के साथ संस्थापक जनुभाई ने प्रारंभ से ही विद्यापीठ के माध्यम से सामाजिक सरोकारों और वंचितों को शिक्षा के कार्य करवाए है। उन्होंने कहा कि ंस्थापक मनीषी पंडित जनार्दनराय नागर के अनुसार राष्ट्र निर्माण के जिम्मेदार शिक्षकों को मानते हुए वे चाहते थे कि यहॉ से शिक्षा ग्रहण कर लोकमान्य शिक्षक तैयार हों, जो सभी को मान्य हो इसी सोच को ध्यान में रखते हुए 1966 में 80 विधार्थियों के साथ लोकमान्य तिलक शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की स्थापना की, जहॉ वर्तमान में 2500 विधार्थी प्रतिवर्ष प्रशिक्षण लेकर इस महाविद्यालय से निकल कर अपने जीवन के पथ की नयी शुरूआत कर रहे हैं और शत प्रतिशत विधार्थी सरकारी या गैर सरकारी उद्यमों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।


कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलाधिपति एवं कुल प्रमुख भंवरलाल गुर्जर ने महाविद्यालय की प्रगति और संस्थापक कार्यकर्ताओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने वर्तमान शैक्षणिक प्रतिस्पर्धा के दौर में मूल्यों की रक्षा करते हुए उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की।

विमोचित पुस्तक शिक्षक प्रशिक्षण के क्षेत्र में उपयोगी

डॉ. रचना राठौड़ और डॉ. इंदु बाला आचार्य द्वारा रचित ‘भौतिक विज्ञान शिक्षण’ पुस्तक का विमोचन समारोह का प्रमुख आकर्षण रहा। यह पुस्तक शिक्षकों व प्रशिक्षुओं को भौतिक विज्ञान के शिक्षण में आधुनिक दृष्टिकोण, प्रयोगधर्मिता और व्यवहारिकता से जोड़ने में सहायक सिद्ध होगी।

महाविद्यालय की उपलब्धियों व योजनाओं पर प्रकाश

प्रारंभ में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. सरोज गर्ग ने अतिथियों का स्वागत करते हुए विगत 59 वर्षों की विकास यात्रा, नवाचारों और संस्थान की भावी योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षक निर्माण और अनुसंधान आधारित शिक्षा की दिशा में संस्थान की प्रतिबद्धता को दोहराया।

रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

स्थापना दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत गीत, नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने सभी का मन मोह लिया। कार्यक्रम में विविध प्रस्तुतियों के माध्यम से विद्यार्थियों ने भारतीय संस्कृति, परंपरा और गुरु-शिष्य परंपरा को उजागर किया।

विशिष्टजनों की उपस्थिति ने बढ़ाया गौरव

इस अवसर पर डॉ. बलिदान जैन, डॉ. अमी राठौड़, डॉ. बी.एल. श्रीमाली, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. हिम्मत सिंह चूंडावत, डॉ. सुभाष पुरोहित, डॉ. पुनीत पांडेय, डॉ. हरीश मेनारिया, डॉ. अमित दवे, डॉ. सरिता मेनारिया, डॉ. इंदु बाला आचार्य, एवं निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत सहित बड़ी संख्या में अकादमिक, प्रशासनिक एवं गैर-अकादमिक कार्मिक तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरीश चौबीसा ने किया, जबकि आभार ज्ञापन डॉ. रचना राठौड़ ने किया।

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