24 News Update नई दिल्ली | दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए भीषण धमाके की गुत्थी अब लगभग सुलझ गई है। फॉरेंसिक जांच में आतंकी डॉ. उमर उन नबी की पहचान पक्की हो गई है।
कार से बरामद दांत, हड्डियां, खून के निशान और पैर का हिस्सा उसकी मां के DNA से 100% मैच कर गया है।
इस रिपोर्ट के बाद यह पुष्टि हो गई है कि धमाके के वक्त i20 कार में उमर खुद मौजूद था और वही इस आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता (Mastermind) था।
कटा हुआ हाथ और DNA रिपोर्ट से जुड़ा बड़ा सुराग
धमाके के दो दिन बाद पुलिस को ब्लास्ट साइट से लगभग 300 मीटर दूर एक कटा हुआ मानव हाथ मिला था।
पहले यह तय नहीं हो पा रहा था कि वह किसी पीड़ित का है या हमलावर का, लेकिन अब DNA रिपोर्ट ने सारे शक दूर कर दिए।
फॉरेंसिक टीम ने पुष्टि की है कि यह हाथ और कार से मिले जैविक नमूने — दोनों डॉ. उमर उन नबी के हैं।
जांच एजेंसियों के मुताबिक, धमाके के वक्त उमर स्टेयरिंग सीट पर ही था और विस्फोट में उसकी मौत मौके पर हो गई।
दूसरी गाड़ियों का नेटवर्क और नई तलाश
अब जांच का फोकस उमर के लॉजिस्टिक नेटवर्क पर है। दिल्ली पुलिस और NIA को शक है कि सिल्वर ब्रेजा कार और लाल इको स्पोर्ट इस हमले में सहायक गाड़ियां थीं। ब्रेजा कार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी कैंपस में खड़ी मिली है, जिसे डॉ. शाहीन सईद चलाती थी। वहीं, फरीदाबाद के खंदावली गांव से बरामद लाल इको स्पोर्ट कार उमर के ड्राइवर की बहन के घर के बाहर मिली है। NSG की टीम ने गाड़ी को सुरक्षित जब्त कर लिया है और बॉम्ब डिस्पोज़ल यूनिट इसकी जांच कर रही है।
डॉ. शाहीन और डॉक्टर नेटवर्क पर ATS की नजर
दिल्ली ब्लास्ट केस में अब मेडिकल नेटवर्क की भूमिका पर जांच गहराई से शुरू हो गई है। कानपुर मेडिकल कॉलेज की पूर्व HOD डॉ. शाहीन सईद और उसके संपर्क में रहे डॉ. मोहम्मद आरिफ को ATS ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि शाहीन और उमर के बीच वित्तीय और तकनीकी सहयोग था।
केंद्र सरकार ने माना — ये आतंकी हमला था
बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्र सरकार ने इस घटना को टेरर अटैक घोषित कर दिया।
NIA को औपचारिक रूप से जांच सौंपी गई है और देशभर में मेडिकल संस्थानों से जुड़े संदिग्ध संपर्कों की निगरानी शुरू कर दी गई है। इस विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। गुरुवार सुबह इलाज के दौरान एक और घायल ने दम तोड़ा।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि “अब DNA रिपोर्ट के बाद जांच की दिशा पूरी तरह स्पष्ट है, और नेटवर्क को तोड़ना ही अगला लक्ष्य है।”

