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गुजरात है तो मुमकिन है : नदी पर पुल ढहा, 9 की मौत, कई लापता; चश्मदीद बोले- ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया

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वडोदरा/गुजरात। मंगलवार सुबह वडोदरा जिले में बड़ा हादसा हो गया जब महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना गंभीरा पुल अचानक ढह गया। हादसे के वक्त पुल पर से कई वाहन गुजर रहे थे। दो ट्रक, एक बोलेरो, एक रिक्शा, एक बाइक और एक ईको कार सहित कम से कम पांच वाहन नदी में गिर गए। अब तक 9 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 8 से अधिक लोगों को स्थानीय ग्रामीणों और SDRF की टीम ने बचा लिया। अभी भी कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद मुजपुर और आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग बचाव कार्य में जुटे हैं।


चश्मदीदों की जुबानी: “ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो”

संजयभाई सोमाभाई चावड़ा (उम्र 25) जो अपनी बाइक से काम पर जा रहे थे, ने बताया,

“हम जैसे ही पुल पर पहुंचे, अचानक ब्रेक लगाना पड़ा क्योंकि पुल टूट चुका था। पाँच-छह गाड़ियाँ गिर गईं। हम बाइक से कूद गए और बच गए। उस समय ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो। हमारी बाइक किनारे पर रह गई, लेकिन हमारी जान बच गई।”

किंखलोद निवासी विजयभाई और महेशभाई परमार ने बताया कि उनकी बाइक पंक्चर हो गई थी, जिससे वे कुछ देर से पुल पर पहुंचे।

“जैसे ही हम पहुंचे, देखा कि एक इको कार, पिकअप और ट्रक नीचे गिर चुके थे। हम ब्रेक लगाकर गिर पड़े, लेकिन बच गए। वह दृश्य देखकर दिल की धड़कन तेज हो गई।”

द्वारका निवासी राजूभाई दुदाभाई अठिया भी इस घटना का हिस्सा बने। वे बोले,

“हम द्वारका से अंकलेश्वर जा रहे थे, तभी पुल ढह गया और हमारी गाड़ी पानी में जा गिरी। मैं खुद तैरकर बाहर निकला, लेकिन मेरा साथी अब तक लापता है। इतनी तेजी से सब कुछ हुआ कि समझ ही नहीं आया कि क्या हो गया।”

स्थानीय युवक अतुलकुमार पढियार ने बताया,

“हम जैसे ही मौके पर पहुंचे, देखा कि लोग डूब रहे थे। एक चाची पानी में तैरती नजर आईं, हमने उन्हें बचाया। दो-तीन ड्राइवर घायल थे, जिन्हें अस्पताल भेजा गया। हमने 7–8 लोगों को बाहर निकाला।”


स्थानीय लोगों ने संभाला मोर्चा, SDRF और फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर

पुल टूटने के बाद सबसे पहले स्थानीय ग्रामीण मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। कई लोगों ने बहते पानी में उतरकर लोगों को बाहर निकाला। बाद में फायर ब्रिगेड की तीन टीमें और SDRF की सहायता ली गई।
हादसे में घायल 6 लोगों को पादरा अस्पताल और 2 को वडोदरा के सयाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


संपर्क टूटा: सौराष्ट्र से दक्षिण गुजरात का सीधा रास्ता बंद

यह पुल मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था। इसके टूटने से आणंद, वडोदरा, भरूच, अंकलेश्वर, नवसारी, सूरत, तापी और वलसाड जैसे शहरों से सौराष्ट्र जाने वाले यात्रियों और मालवाहनों को अब अहमदाबाद होते हुए लंबा रास्ता लेना पड़ेगा।


स्थानीयों का गुस्सा: “पुल की हालत पहले से खराब थी, प्रशासन जिम्मेदार है”

स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह पुल वर्षों से जर्जर था और मरम्मत की बार-बार मांग की गई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा,

“अगर समय रहते मरम्मत की जाती, तो यह हादसा टल सकता था।”


अधिकारियों का पक्ष: “पुल जर्जर नहीं था, रिपोर्ट में कोई बड़ी खराबी नहीं”

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता एन. एम. नायकवाला ने कहा:

“यह पुल 1985 में बना था और इसकी उम्र 100 साल निर्धारित है। पिछले साल मरम्मत की गई थी और इस साल गड्ढे भरे गए थे। हमारी रिपोर्ट में कोई बड़ा नुकसान नहीं दर्शाया गया है। वास्तविक कारण जांच रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट होंगे।”

गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि महिसागर नदी पर स्थित गंभीरा पुल का एक हिस्सा ढहने से पाँच से छह वाहन नदी में गिर गए. यह पुल मध्य गुजरात और राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्रों को जोड़ता है. उन्होंने कहा कि पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और जरूरत पड़ने पर समय-समय पर इसका रखरखाव किया जाता था. मंत्री ने कहा, ‘घटना के पीछे के सही कारण की जांच की जाएगी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को घटनास्थल पर पहुँचने और पुल ढहने के कारणों की जाँच करने का निर्देश दिये हैं.


अब सवाल उठता है — क्या कागजी रिपोर्टें ज़मीनी हकीकत से मेल खाती हैं?

यह हादसा एक बार फिर प्रशासनिक सतर्कता और इन्फ्रास्ट्रक्चर की निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े करता है। जब स्थानीय लोग पहले से चेतावनी दे रहे थे, तो रिपोर्ट में पुल को ‘ठीक’ बताना क्या सिर्फ औपचारिकता थी?

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