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राजस्थान: अरबों वर्षों पुरानी भूवैज्ञानिक विरासत और खनिज संपदा का गढ़ — 82 खनिजों में सोना-चांदी से लेकर रेयर अर्थ एलिमेंट्स तक

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24 News Update जयपुर. राजस्थान अपनी प्राचीन भूवैज्ञानिक संरचनाओं और विपुल खनिज संसाधनों के कारण देश का प्रमुख खनिज-संपन्न राज्य बन चुका है। यह जानकारी प्रमुख शासन सचिव, खान एवं भूविज्ञान विभाग, श्री टी. रविकान्त ने दी। उन्होंने बताया कि राज्य की भूवैज्ञानिक विरासत आर्कियन, टर्शियरी, मेसोजोइक और अरावली युगों तक फैली हुई है, जो इसे खनिज भंडारों की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध बनाती है। श्री रविकान्त के अनुसार, अब तक राजस्थान में 82 प्रकार के खनिजों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से 57 खनिजों का सक्रिय रूप से खनन किया जा रहा है। इन खनिजों में सोना, चांदी, सीसा, जस्ता, तांबा, लौह अयस्क और चूना पत्थर जैसी धातुएं और औद्योगिक उपयोग के खनिज प्रमुख हैं। इसके अलावा, राज्य में रेयर अर्थ एलिमेंट्स और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण खनिज भी प्राप्त हुए हैं, जो भविष्य की तकनीकों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा द्वारा जयपुर में माइनिंग सेक्टर एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने की बजटीय घोषणा के क्रियान्वयन की दिशा में कार्य प्रारंभ हो गया है। यह केंद्र न केवल राज्य की ऐतिहासिक और पुरातात्विक खनिज संपदा को वैज्ञानिक ढंग से संकलित करेगा, बल्कि इसके प्रदर्शन और शोध को भी बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर श्री रविकान्त ने झालाना स्थित जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) के खनिज संग्रहालय का निरीक्षण किया। उनके साथ GSI के उपमहाप्रबंधक श्री अनिंद्य भट्टाचार्य, निदेशक श्री हरीश मिस्त्री, ADG श्री आलोक जैन और SG श्री सुशील हुड्डा भी उपस्थित थे। संग्रहालय में संरक्षित जीवाश्म, चट्टानें, खनिज नमूने और भूवैज्ञानिक मानचित्रों का अवलोकन करते हुए उन्होंने GSI के संरक्षण और डॉक्यूमेंटेशन कार्यों की सराहना की। GSI के निदेशक (भूविज्ञान) श्री एम.वाई. खांडे और भूविज्ञानी त्रिपर्णा घोष ने उन्हें बीजीसी चट्टानों, आर्कियन से लेकर टर्शियरी युग तक की चट्टानों, और उनकी विकास यात्रा की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजस्थान में अरावली श्रृंखला, दिल्ली सुपरग्रुप, विंध्यन वेल्ट और मारवाड़ युग की खनिज चट्टानों के समृद्ध स्रोत उपलब्ध हैं। सरकार खनिज अन्वेषण (Mineral Exploration) कार्य को तेजी से आगे बढ़ा रही है और खनन ब्लॉकों की योजनाबद्ध नीलामी की जा रही है, जिससे राज्य की खनिज संपदा का संतुलित और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।

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