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राजस्व अर्जन में ऐतिहासिक उपलब्धि: खान विभाग ने ढाई माह में कमाए 1670 करोड़, एआई से होगी खनिज खोज

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24 News Update उदयपुर। राजस्थान में खान एवं भूविज्ञान विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले ढाई महीनों में 1670 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व अर्जित कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह इस अवधि का अब तक का सर्वाधिक राजस्व है। विभाग के प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि को विभागीय टीम की प्रतिबद्धता का परिणाम बताया और राजस्व वृद्धि के लिए समन्वित रणनीति के तहत कार्य करने के निर्देश दिए।

सभी प्रक्रियाएं होंगी ऑनलाइन, पारदर्शिता व दक्षता बढ़ेगी
खनिज भवन, उदयपुर में आयोजित हाईब्रिड बैठक में प्रमुख सचिव श्री रविकान्त ने बताया कि माइनिंग प्लान, लीज इन्फॉर्मेशन, डिमांड सिस्टम सहित सभी प्रक्रियाओं को पूरी तरह ऑनलाइन किया जा रहा है। इससे समय, धन और प्रयासों की बचत होगी तथा खनिज धारकों को अनावश्यक विभागीय कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

खनिज खोज में एआई तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट
श्री रविकान्त ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में खनिज खोज के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग तकनीकों का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसके विश्लेषण के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है, जिससे खनिज अन्वेषण अधिक सटीक और व्यापक हो सकेगा।

खनिज ब्लॉकों की डेलिनियेशन व ऑक्शन में तेजी
प्रमुख सचिव ने माइनिंग व जियोलॉजी विंग के बेहतर समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि अधिक से अधिक माइनर व मेजर मिनरल ब्लॉकों का डेलिनियेशन कर उन्हें नीलामी के लिए तैयार किया जाए। इससे राजस्व, निवेश और रोजगार में वृद्धि होगी, साथ ही अवैध खनन पर प्रभावी नियंत्रण भी सुनिश्चित किया जा सकेगा।

डीएमएफटी से आमजन को लाभ
डीएमएफटी (District Mineral Foundation Trust) को अधिक व्यावहारिक बनाते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला-बाल विकास और कौशल प्रशिक्षण जैसे कार्यों को प्राथमिकता देकर खनन प्रभावित क्षेत्रों में आमजन तक प्रत्यक्ष लाभ पहुंचाया जाए।

बकाया वसूली के सख्त निर्देश
राज्य के निदेशक माइंस श्री दीपक तंवर ने बैठक में सुझाव दिया कि अधीक्षण खनिज अभियंता स्तर पर राजस्व वसूली, डेलिनियेशन, प्लॉट ऑक्शन, रॉयल्टी व ठेकेदार अनुबंधों की नियतकालीन समीक्षा अनिवार्य हो। उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी खनिधारक पर बकाया देय होता है, तुरंत नोटिस जारी कर वसूली सुनिश्चित की जाए।

राजस्व लक्ष्य को हर माह करें सुनिश्चित
श्री तंवर ने फील्ड अधिकारियों से कहा कि वित्तीय वर्ष के अंतिम माह की बजाय हर माह राजस्व लक्ष्य के अनुसार वसूली होनी चाहिए ताकि समय रहते वार्षिक लक्ष्य पूर्ण किया जा सके।

न्यायिक व प्रशासनिक लंबित मामलों के जल्द निपटारे के निर्देश
बैठक में न्यायालयों में लंबित मामलों, विधानसभा व शासन स्तर से प्राप्त पत्रों और अभाव अभियोगों के निर्धारित समय सीमा में निपटारे के निर्देश दिए गए। इस बैठक में संयुक्त सचिव श्रीमती आशु चौधरी, ओएसडी श्री श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी श्री सुनील वर्मा, जेएलआर श्री गजेन्द्र सिंह, विभाग के अतिरिक्त निदेशक, अधीक्षण खनिज अभियंता, एमई-एएमई, तथा अधीक्षण भूवैज्ञानिक सहित विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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