24 न्यूज अपडेट उदयपुर. उदयपुर में कलेक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन कर रहे करीब 100 मजदूरों को पुलिस ने बलपूर्वक हटाया। पुलिस ने उनका सामान फेंक दिया और प्रदर्शनकारियों को धक्का देकर भगाया। इस दौरान एक महिला बेहोश हो गई। प्रदर्शनकारी मध्य प्रदेश से आए मजदूर थे, जिनका आरोप है कि वन विभाग की साइट पर काम कराने के बावजूद ठेकेदार ने उनका भुगतान नहीं किया। मजदूरों का दावा है कि उनके 47.53 लाख रुपये बकाया हैं। वे 3 मार्च से कलेक्टर आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे और पिछले दो रातों से वहीं रुके थे।
पुलिस की सख्ती और घटना का घटनाक्रम
बुधवार को प्रदर्शन के दौरान एक महिला की तबीयत बिगड़ गई, जबकि एक अन्य महिला बेहोश हो गई। इससे पहले, मंगलवार रात को एक गर्भवती महिला की भी हालत बिगड़ गई थी।
भूपालपुरा थाना क्षेत्र में दोपहर 2 बजे हुए इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने सख्त रुख अपनाया। SHO ने चेतावनी दी कि यदि सड़क जाम की गई तो मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से सख्त लहजे में कहा कि वे कानून तोड़ेंगे तो कार्रवाई होगी। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया, जिससे अफरा-तफरी मच गई। पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई में कई मजदूरों को हल्की चोटें भी आईं।
मजदूरों और ठेकेदार का पक्ष
मजदूरों के अनुसार, उन्होंने दो स्थानों पर काम किया था—परसाद में ठेकेदार बसंतीलाल के लिए और काला मगरा में ठेकेदार दिलीप सिंह के लिए। उनका कुल भुगतान 51.12 लाख रुपये था, लेकिन अब तक केवल 3.59 लाख रुपये ही मिले हैं।
दूसरी ओर, ठेकेदार दिलीप सिंह का कहना है कि मजदूरों का केवल 4.31 लाख रुपये बकाया है, जिसमें से 81,150 रुपये उनके पास और 3.50 लाख रुपये बसंतीलाल के पास बकाया हैं।
मजदूरों का आरोप है कि उन्हें ठेकेदार द्वारा बार-बार भुगतान का आश्वासन दिया जाता रहा, लेकिन अब तक पूरा भुगतान नहीं किया गया। वे अपने हक की मांग को लेकर कई बार अधिकारियों से भी मिले, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला।
कलेक्टर का बयान और प्रशासन की प्रतिक्रिया
कलेक्टर नमित मेहता ने बताया कि यह मामला ठेकेदार और मजदूरों के बीच का है। उन्होंने डीएफओ से रिपोर्ट मांगी है और आश्वासन दिया है कि जो भी वैध भुगतान बकाया होगा, उसे दिया जाएगा। हालांकि, उन्होंने पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को बलपूर्वक हटाने की जानकारी होने से इनकार किया।
प्रशासन ने कहा कि मजदूरों को उनकी उचित मजदूरी दिलाने के लिए उचित कदम उठाए जाएंगे। इस संबंध में वन विभाग और ठेकेदारों से बातचीत की जाएगी ताकि बकाया राशि जल्द से जल्द चुकाई जा सके। मजदूरों ने चेतावनी दी है कि अगर उन्हें उनकी बकाया मजदूरी जल्द नहीं मिली, तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। उन्होंने मांग की है कि प्रशासन ठेकेदारों पर कार्रवाई करे और जल्द से जल्द उनका भुगतान सुनिश्चित करे।
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