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एमआईएमएस में जल संरक्षण और नशा मुक्ति पर नाटिकाओं का मंचन

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24 News Update उदयपुर। अमेरिकन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (एमआईएमएस) के प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए मंगलवार को जल संरक्षण और नशा मुक्ति विषय पर दो नाटिकाओं का मंचन किया गया। इन नाटिकाओं का निर्देशन वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. पी.सी. जैन, जो पिछले तीन दशकों से नशा मुक्ति और जल संरक्षण अभियान में सक्रिय हैं, ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत जल कलश की आरती “ओम जय जलदेव हरे” के साथ हुई। इसके बाद छात्रों द्वारा रचित नाटिका “बर्बाद पानी, खत्म कहानी” प्रस्तुत की गई। इसमें दिखाया गया कि कैसे एक फैक्ट्री जल प्रदूषण कर जनता की स्वास्थ्य एवं जीवन को प्रभावित करती है और जनता किस प्रकार विरोध करती है। डॉ. जैन ने पीपीटी के माध्यम से जल बचाने के दैनिक उपाय और वर्षा जल संचयन की विधियां भी छात्रों को समझाईं।
छात्रों ने अदृश्य जल के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जैसे 1 किलो चॉकलेट बनाने में 17,500 लीटर पानी खर्च होता है। उन्होंने दर्शाया कि अनावश्यक वस्तुओं के अत्यधिक उपयोग से जल संसाधनों की कमी होती है और सभी को इसे बचाने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में डॉ. जैन की रचित नाटिका “नशे के 12 हाथ” भी प्रस्तुत की गई। इसमें नशे के दुष्प्रभावों, मोबाइल एडिक्शन, घरेलू अपराध और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को दर्शाया गया। छात्रों को संदेश दिया गया कि किसी भी नशे के लिए कभी “ना” कहना चाहिए और डिजिटल फास्ट जैसी गतिविधियों के माध्यम से खुद को इसके दुष्प्रभावों से बचाना चाहिए।
कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों ने नशा विरोधी गीत और गरबा नृत्य प्रस्तुत किया। संयोजन राहुल शर्मा ने किया और धन्यवाद प्रिंसिपल विनय जोशी ने ज्ञापित किया। नाटिकाओं में जाहन्वी काखानी, अदित्री रोहतगी, शाकिब अली, तनिष्क जैन, कृष टेलर, युविका डाटा, नेहल सुहालका, शिखर झारवाल और प्रेम परिहार ने भाग लिया।

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