24 News Update उदयपुर। पारस हेल्थ उदयपुर ने आर्थोपेडिक और आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी में एक नई उपलब्धि दर्ज की है। हॉस्पिटल ने शहर में पहली बार कंधे की एडवांस्ड सर्जरी बायो-इंडक्टिव रीजनरेटिव तकनीक के साथ की है। इस सर्जरी में फटे हुए रोटेटर कफ टेंडन को REGENTEN कोलेजन पैच के माध्यम से मजबूत किया गया, जिससे चोट दोबारा लगने का खतरा कम होता है और मरीज़ जल्दी सक्रिय जीवन जीने में सक्षम हो जाते हैं।
रोटेटर कफ कंधे की महत्वपूर्ण मांसपेशियों का समूह है, जिसे कंधे का “पावरहाउस” भी कहा जाता है। गंभीर चोट होने पर सिर्फ दवा या फिजियोथेरेपी पर्याप्त नहीं होती। पारंपरिक सर्जरी में कमजोर टिशू के कारण परिणाम हमेशा संतोषजनक नहीं होते, इसलिए ऑग्मेंटेशन तकनीक का उपयोग किया जाता है।
हाल ही में एक मरीज़ को लगातार कंधे में दर्द और गतिशीलता की समस्या थी। उनका इलाज डॉ. राहुल खन्ना, सीनियर कंसल्टेंट – आर्थ्रोस्कोपी और स्पोर्ट्स मेडिसिन ने किया। टीम ने सुप्रास्पिनेटस टेंडन की डबल-रो आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी के साथ बायो-इंडक्टिव कोलेजन पैच से टेंडन को मजबूत किया। इस तकनीक से टेंडन मोटा और मज़बूत होता है, जिससे दोबारा चोट का खतरा कम हो जाता है और मरीज़ की मूवमेंट बेहतर हो जाती है।
डॉ. खन्ना ने बताया, “यह तकनीक न केवल खिलाड़ियों बल्कि उन लोगों के लिए भी फायदेमंद है जिनके कंधे की मूवमेंट बाधित है। इसका उद्देश्य मरीज़ों को फिर से सक्रिय और आत्मनिर्भर बनाना है।”
पारस हेल्थ के फैसिलिटी डायरेक्टर डॉ. प्रसुन कुमार ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कम से कम चीरे वाली तकनीक से मरीज़ जल्दी ठीक हों और बेहतर जीवन जी सकें। यह सर्जरी इस प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” एक्सपर्ट्स का कहना है कि रोटेटर कफ की चोट में समय पर पहचान और इलाज अत्यंत जरूरी है। लगातार दर्द, कमजोरी या कंधे की गतिशीलता में समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। उदयपुर में पहली बार हुई यह सर्जरी स्थानीय मरीज़ों के लिए एडवांस्ड आर्थोपेडिक केयर, तेज रिकवरी और इनोवेटिव इलाज का एक नया मानक पेश करती है।
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