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गौ माता की सेवा का अवसर भाग्यशाली को ही मिलता है उत्तम स्वामी जी महाराज

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कविता पारख


24 News Update निम्बाहेडा। कनेरा में निर्धन और गाय की सेवा का अवसर पुण्य कर्मों से ही मिलता है। गौ माता में देवता का वास होता है । गौ सेवा हरि सेवा के समान होती है। गाय की सेवा का पुण्य 100 गुना होकर वापस मिलता है। जो शिव,राम, विष्णु की भक्ति में समय लगाता है वह संसार सागर से पार हो जाता है। गौशाला में श्री राम कथा श्रवण करने का फल 100 गुना मिलता है। गौ माता की सेवा का अवसर भाग्यशाली को ही मिलता है । यह बात श्री श्री महामण्डलेश्वर 1008 परम पूज्य गुरुदेव अनंत विभूषित ईश्वरानंद ब्रह्मचारी ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज के शिष्य नरेश शर्मा ने कहीं ।वे शुकदेव मुनि की तपस्थली सुखानंद तीर्थ के समीप श्री गोपाल कृष्ण गौशाला एवं कल्पवृक्ष धाम अनोपपुरा, कनेरा घाटा क्षेत्र के तत्वाधान में श्री राम कथा, तुलसी विवाह एवं सर्वजातीय निःशुल्क सामूहिक विवाह सम्मेलन में आयोजित धर्म सभा में बोल रहे थे उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराईयों एवं कुर्तियों के अंधेरे से पुण्य परमार्थ के उजाले की ओर ले जाए वही सच्चा सतगुरु होता है। तीर्थ प्रयागराज को भी पवित्र होने के लिए संतों की शरण में जाना पड़ता है। जीवन श्री राम की तरह सरलता के साथ जीना चाहिए तभी आत्मा का कल्याण हो सकता है। गुरु और पति के सामने ऊंचे आसन पर नहीं बैठना चाहिए। महिलाओं को स्नान पवित्रता के बाद ही भोजन को भगवान के लिए ही बनाना चाहिए तो वह भोजन ही प्रसाद बन जाता है। अतिथि गाय, कुत्ता, चींटी सभी के लिए अन्न का अंश दान निकालना चाहिए। अपना पुण्य कर्म करते रहना चाहिए। लोग क्या कहेंगे सबसे बड़ा रोग इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
जिस घर में साधु संतों और ब्राह्मण अतिथि की सेवा होती हो वह घर श्रेष्ठ कहलाता है।वह स्वर्ग का परिचायक होता है। कथा में पंडित महाराज ने शिव पार्वती विवाह,भूतों की बारात में यक्ष किन्नर, द्वापर युग,सप्त ऋषि, हिमालय, पंचतत्व, सूर्य वायु, गणपति पृथ्वी, और नारायण जल, माता अग्नि ,शिव आकाश, गंगा ,आदि धार्मिक प्रंसगों का वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महत्व प्रतिपादित किया।
आरती के बाद प्रसाद वितरण किया गया। कथा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश चंद्र,गौशाला अध्यक्ष पुष्कर कुमार शर्मा,उपाध्यक्ष सतीश चंद्र राठी,सचिव गीता लाल पचोरिया,सह सचिव रामनारायण बीर,चंद्रशेखर व्यास, बंशीलाल धंधोलिया हीरालाल गाजी फूलचंद धंधोलिया कन्हैया लाल धाकड़ जगदीश खेड़ी,आसन दरिया नाथ मंहत लाल नाथ,शैलेश चौबीसा,कृष्णपाल सिंह, जगपाल सिंह निर्भयसिंह,महंत हरिदास सुखानंद,नाथूसिंह,भोली राम धाकड़, पप्पू सोनी सहित बड़ी संख्या में गौभक्त उपस्थित थे। आरती के बाद महाप्रसादी का वितरण किया गया।

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